नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप 24 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं. भारत में विशेष अमेरिकी मेहमान के स्वागत के लिए भव्य तैयारी की जा रही है. इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति की विशेष रूप से डिजाइन की गई कार 'द बीस्ट' की खूब चर्चा हो रही है. कई तरह के हथियारों से लैस ये कार रासायनिक सहित कई तरह के हमले झेलने में सक्षम है. व्हाइट हाउस के अनुसार, पहले दिन गुजरात में लैंड करने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप अपनी विशेष कार 'द बीस्ट' में सवार होकर अपनी पत्नी मेलानिया के साथ सीधे अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम जाएंगे. जहां वो लोगों को संबोधित करेंगे.


आइए जानतें हैं 'द बीस्ट' कार में क्या खास है?


दरअसल, वर्तमान में अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल की जा रही विशेष कार 'द बीस्ट' एक बख्तरबंद गाड़ी है. जिसको लिमोसिन मॉडल के नाम से जाना जाता है. इस कार का निर्माण कैडिलैक ने किया है.


द बीस्ट का लेटेस्ट मॉडल 2018 में पेश


इस कार के आधुनिक मॉडल को 24 सितंबर 2018 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की आधिकारिक कार लिमोसिन से रिप्लेस किया गया है. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए पहली बार 1910 में इस कार के पेश किया गया था. जिसको एक दशक बाद तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर ने अपनी पहली आधिकारिक कार बनाई.


कार के खास फीचर्स


कार की खिड़कियों को कांच और पॉली कार्बोनेट की पांच परतों से बनाया गया है. ये पूरी तरह से बुलेटप्रूफ हैं. खिड़कियों को केवल कार का ड्राइवर ही खोल सकता है. गाड़ी में राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए पंप एक्शन शॉटगन, टीयर गैस कैनन और ब्लड बैग को रखा गया है.


इसके अलावा ड्राइवर के केबिन में कम्युनिकेशन और जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइसों को भी लगाया गया है. गाड़ी को पांच इंच मोटी सैन्य ग्रेड कवच स्टील, टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और सेरामिक्स से बनाया गया है. द बीस्ट के फ्रंट में आंसू गैस, ग्रेनेड लॉन्चर और नाइट विजन कैमरे लगाए गए हैं.


ड्राइवर यूएस सीक्रेट सर्विस द्वारा प्रशिक्षित


अमेरिका के राष्ट्रपति की इस कार के ड्राइवर को यूएस सीक्रेट सर्विस द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है. जिससे वह चुनौतीपूर्ण ड्राइविंग परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होता है. साथ ही पिछली सीट पर बैठे राष्ट्रपति की अमेरिकी उपराष्ट्रपति और पेंटागन के लिए एक सीधी सैटेलाइट फोन की सुविधा होती है.


गाड़ी के पिछले हिस्से में अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा चार लोगों की सीटें होती हैं. इंटीरियर को ग्लास द्वारा अलग किया गया है, जिसे केवल राष्ट्रपति द्वारा ही उतारा जा सकता है. आपात स्थिति में एक पैनिक बटन और स्वतंत्र ऑक्सीजन की आपूर्ति की भी व्यवस्था गाड़ी में की गई है. कार के ईंधन टैंक में आर्मड लगाया गया है.


साथ ही विस्फोट की रोकथाम फोम से भरा गया है. जिसके चलते यह किसी भी प्रकार के हमले को झेल सकता है. दरवाजों पर 8 इंच मोटी आर्मर प्लेट लगाया गया है. 100 प्रतिशत सील होने के कारण गाड़ी में रासायनिक हथियारों से बचाव होता है.


ये भी पढ़ें: 


कोरोना वायरस: जापानी शिप में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों में बांटे गए 2 हजार iPhone


ब्रिटिश सांसद को भारत में नहीं मिला प्रवेश, आर्टिकल 370 हटाने की आलोचना की थी