Vivek Ramaswamy: 'हिंदू धर्म ने अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया...', जानें विवेक रामास्वामी ने हिंदुत्व पर ऐसा क्या कहा कि दुनिया भर में हो रही है चर्चा
Vivek Ramaswamy Talks On Hinduism: भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म की खूबियों के बारे में बात की है जो चर्चा में है.
Vivek Ramaswamy American presidential candidate: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने हिंदू धर्म को लेकर खुलकर बात की है और कहा है कि हमारा धर्म हमें सभी में समानता सीखना है. विवेक का यह बयान सुर्खियों में आ गया है और बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है.
विवेक द डेली सिग्नल द्वारा आयोजित एक टॉक शो में शामिल हुए, जहां उनसे राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में कई सवाल पूछे गए जिनमें उनके धर्म से संबंधित सवाल भी थे.
"अपने धर्म की वजह से मैं राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित हुआ "
एक सवाल के जवाब में विवेक रामास्वामी ने कहा कि हिंदू धर्म ने ही मुझे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है और आज मैं इसी वजह से चुनाव में हूं. मेरे धर्म ने मुझे धैर्य सिखाया है. उन्होंने कहा, " हिंदू धर्म ने मुझे नैतिक दायित्वों को समझने की स्वतंत्रता प्रदान की."
"हम सभी में ईश्वर हैं, इसलिए सब समान हैं"
रामास्वामी ने कहा कि मैं एक हिंदू हूं, मैं एक सच्चे ईश्वर में विश्वास रखता हूं. मेरा मानना है कि ईश्वर ने हम सभी को यहां पर एक खास उद्देश्य के लिए भेजा है. इसी उद्देश्य को साकार करना ही हमारा नैतिक कर्तव्य है. विवेक कहते हैं, "हिंदू धर्म में हमें सिखाया है कि हम सभी में ईश्वर हैं, इसलिए हम सभी एक समान हैं. यह हमारे धर्म का मूल है.
"हमारे यहां तलाक की परंपरा नहीं"
दुनिया भर में शादियों के बीच पड़ रही टूट और तलाक की परंपरा को लेकर बात करते हुए विवेक ने हिंदू धर्म की खासियत का जिक्र किया. वह कहते हैं, "मैं बहुत ही पारंपरिक परिवार में पैदा हुआ और बड़ा हुआ हूं. मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया है कि परिवार ही हमारी नींव है. माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, शादी एक पवित्र रिश्ता है, शादी से पहले संयम रखना जरूरी है. शादी पुरुष-महिला के बीच होती है. हमारे यहां तलक की कोई परंपरा नहीं है क्योंकि पुरुष और महिला ईश्वर के समक्ष शादी करते हैं. यह जन्मों का रिश्ता होता है. पति-पत्नी ईश्वर के सामने अपने परिवार की खुशहाली की शपथ लेते हैं.
"ईसाई धर्म भी हिंदू धर्म के समान"
रामास्वामी ने हिंदू और ईसाई धर्म के बीच भी समानता की बातें की है. उन्होंने कहा है, "मैं क्रिश्चियन हाई स्कूल गया. वहां मैंने 10 आज्ञाएं सीखीं. हमने बाइबल पढ़ी है. धर्मग्रंथों की शिक्षा ली. भगवान वास्तविक है. एक सच्चा भगवान है. उसका नाम व्यर्थ न लें. अपने माता-पिता का सम्मान करें. झूठ मत बोलो. चोरी मत करो. व्यभिचार मत करो. मैंने उस समय जो भी सीखा, सब मुझे परीचित लगा क्योंकि ये सभी बातें हमारे हिंदू धर्म में भी बताई गई हैं. असल में ये शिक्षाएं ईश्वर की हैं. शिक्षाएं भगवान की हैं."
अमेरिका के राष्ट्रपति को ईश्वर के मूल्यों को मानने वाला होना चाहिए
वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे तो क्या करेंगे इस बारे में भी विवेक ने बताया है. उन्होंने कहा है, "आपको क्या लगता है कि क्या मैं आपके लिए ऐसा राष्ट्रपति बन सकता हूं, जो ईसाई धर्म को बढ़ावा दे सके. नहीं, बिलकुल नहीं. मुझे नहीं लगता कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ऐसा करना चाहिए. मेरा कर्तव्य है कि मैं ईश्वर की शिक्षाओं के लिए खड़ा रहूं और ऐसा ही करूंगा."
आपको बता दें कि विवेक रामास्वामी भारतीय मूल के रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी नेता हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी पद की दावेदारी कर रहे हैं. 38 वर्षीय रामास्वामी का जन्म ओहिया में हुआ था. उनके माता-पिता भारत से अमेरिका गए थे. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जीव विज्ञान की डिग्री हासिल की और फिर येल लॉ स्कूल की पढ़ाई पूरी की. अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति का चुनाव होना है.
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