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सबसे ज्यादा सीट जीतकर भी यहां नहीं बनता राष्ट्रपति, अमेरिकी प्रेजिडेंट के चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझिए

US Presidential Election 2024: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 5 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद अगले दिन नतीजे आ सकते हैं. नया राष्ट्रपति नए साल में चार्ज संभाल लेगा.

US Presidential Election 2024 Full Proccess: अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे वहां का सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. एक तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस हैं तो दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर है.

डोनाल्ड ट्रंप जहां अपनी जीत का दावा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कमला हैरिस भी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं. अलग-अलग रैलियों में कमला अपनी जीत के दावे के पीछे वजह बता रही हैं, वहीं ट्रंप अपने पुराने कार्यकाल की उपलब्धियों को दोहराते हुए फिर से जीत का दावा कर रहे हैं. यहां हम बता रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया.

राष्ट्रपति का चुनाव कब होगा?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को होंगे. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में से जो भी जीतेगा, वह 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद संभाल लेगा.

उम्मीदवार कौन कौन हैं, कैसे चुने गए?

इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कमला हैरिस उम्मीदवार हैं. दोनों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त के साथ अपनी पार्टी का समर्थन हासिल किया था. दोनों ही उम्मीदवार स्टेट प्राइमरी और कॉकस मतदान प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुने गए. राष्ट्रपति पद के लिए कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. इन्हीं में से एक प्रमुख नाम रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का था, जो पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे थे, लेकिन उन्होंने अगस्त के अंत में अपना अभियान स्थगित कर दिया और ट्रंप का समर्थन कर दिया.

चुनावी मैदान में कौन कौन सी पार्टी हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्रमुख दलों की बात करें तो यहां डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के बीच ही मुकाबला है. पिछले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन ने जीत हासिल की थी, इस बार बाइडन के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद कमला उम्मीदवार बनीं.

पार्टियों का एजेंडा क्या है?

नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप लोगों को अपने एजेंडा के बारे में प्रचार कर रहे हैं. रायटर्स के मुताबिक, कमला हैरिस अगर चुनाव में जीत दर्ज करती हैं तो उनका ध्यान देश की अर्थव्यवस्था पर होगा. वहीं ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा, देश में बढ़ते हिंसक अपराध, इजरायल हमास युद्ध, इंटरनेशनल लेवल पर अमेरिकी की गिरती साख जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं.

राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उसे विजेता घोषित नहीं किया जाता जिसे पूरे देश में सबसे ज़्यादा वोट मिलता, इसके बजाय, दोनों उम्मीदवार में 50 राज्यों में होने वाले मुक़ाबलों में जीतने वालों को विजेता घोषित किया जाता है. प्रत्येक राज्य में एक निश्चित संख्या में तथाकथित निर्वाचक मंडल के वोट होते हैं जो आंशिक रूप से जनसंख्या पर आधारित होते हैं. यही अंतिम रूप से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुनता है. मान लीजिए कुल 538 सीटों पर चुनाव होते हैं और विजेता वह उम्मीदवार होता है जो 270 या उससे अधिक सीटें जीतता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वही राष्ट्रपति बन जाए. यह संभव है कि कोई उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट जीत ले - जैसा कि 2016 में हिलेरी क्लिंटन ने किया था - लेकिन फिर भी वह निर्वाचक मंडल की ओर से जीत नहीं पाईं. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया है, जिसमें यूनाइडेट स्टेट्स के राज्यों के नागरिक और वाशिंगटन डीसी के नागरिक यूएस इलेक्टोरल कॉलेज के कुछ सदस्यों के लिए वोट डालते हैं. इन सदस्यों को इलेक्टर्स कहा जाता है. ये इलेक्टर्स इसके बाद प्रत्यक्ष वोट डालते हैं जिन्हें इलेक्टोरल वोट कहा जाता है. इनके वोट अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए होते हैं. ऐसे उम्मीदवार जिन्हें इलेक्टोरल वोट्स में बहुमत मिलता है राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं. अगर कोई भी उम्मीदवार पूरी तरह से बहुमत नहीं जुटा पाते तो, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं.

चुनाव में कौन वोट डाल सकता है?

इस चुनाव में अधिकांश अमेरिकी नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, मतदान करने के पात्र हैं. नॉर्थ डकोटा को छोड़कर सभी राज्यों में मतदान करने से पहले लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. हर राज्य की अपनी मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया और समय-सीमा होती है. इसके अलावा विदेश में रहने वाले अमेरिकी नागरिक संघीय पोस्ट कार्ड आवेदन (एफसीपीए) पूरा करके मतदान के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और अनुपस्थित डाक मतपत्र का अनुरोध कर सकते हैं.

नवंबर में राष्ट्रपति के अलाव और किसका चुनाव होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भले ही सिर्फ राष्ट्रपति के चुनाव पर ही बात होती हो, लेकिन मतदाता अपने मतपत्र भरते समय कांग्रेस के नए सदस्यों या आसान शब्दों में कहें तो नए सांसदों को भी चुनेंगे. यहां कांग्रेस से मतलब अमेरिकी संसद के लिए है जहां कानून पारित किए जाते हैं. कांग्रेस में प्रतिनिधि सभा शामिल है, जहां सभी 435 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. इसके अलावा 34 सीनेट सीटों के लिए भी चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में मतदाता राष्ट्रपति के साथ इनका भी चुनाव करेंगे.

चुनाव के नतीजे कब आएंगे, नए राष्ट्रपति का शपथ कब होगा?

आमतौर पर विजेता की घोषणा चुनाव की रात को ही कर दी जाती है, लेकिन 2020 में सभी वोटों की गिनती में कुछ दिन लग गए थे. यदि राष्ट्रपति बदल जाता है तो चुनाव के बाद की अवधि को संक्रमण काल ​​कहा जाता है. इससे नए प्रशासन को कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करने और नए कार्यकाल के लिए योजना बनाने का समय मिल जाता है. राष्ट्रपति को आधिकारिक तौर पर जनवरी में वाशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग की सीढ़ियों पर आयोजित एक समारोह में शपथ दिलाई जाती है, जिसे उद्घाटन समारोह के रूप में जाना जाता है.

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