Kashmiri Journalist: पत्रकारिता में प्रतिष्ठित पुलित्जर अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकीं कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू ने आरोप लगाए हैं कि भारत सरकार ने उन्हें विदेश जाने से फिर रोका है. उनके इस बयान के बाद इस मामले की खूब चर्चा है. मट्टू ने अपने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए, जिनमें बताया कि वो अपना पुलित्जर अवॉर्ड लेने न्यू-यॉर्क जा रही थीं, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक लिया. अब इस मामले को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू को कथित तौर पर देश की यात्रा करने से रोकने की खबरों से अवगत है. मट्टू ने आरोप लगाया था कि उनके पास वैध वीजा और टिकट होने के बावजूद इमिग्रेशन अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर रोक लिया.
प्रेस फ्रीडम का करते हैं सम्मान- अमेरिका
विदेश मंत्रालय के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने इस मामले को लेकर कहा, “हम इन खबरों से अवगत हैं कि मट्टू को अमेरिका की यात्रा करने से रोका जा रहा है और हम इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जैसा कि विदेश मंत्री ने उल्लेख किया है, प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक साझा प्रतिबद्धता, अमेरिका-भारत संबंधों का आधार है.”
कोविड-19 कवरेज के लिए पुलित्जर
स्वतंत्र फोटो पत्रकार मट्टू ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी के कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ कैटेगरी में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने एक बयान में भारतीय अधिकारियों से मट्टू को पुलित्जर पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने की अनुमति देने का आग्रह किया है.
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में सीपीजे के एशिया कार्यक्रम समन्वयक बेह लिह यी ने कहा, “ऐसा कोई कारण नहीं है जिसके आधार पर कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू को विदेश यात्रा से रोका जाना चाहिए था.” इसके अलावा मट्टू की तरफ से भी तमाम मीडिया संस्थानों को इसे लेकर इंटरव्यू दिए गए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें बिना गलती के सजा दी जा रही है. वो एक पत्रकार हैं और उन्हें कहीं भी जाने का अधिकार है. फिलहाल अमेरिका की तरफ से आए इस बयान को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब सामने नहीं आया है.