Us Reacts On Muslim In India : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है, लेकिन अमेरिका फिर भी धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भारत पर सवाल उठा रहा है. दरअसल, न्यूयॉर्क टाइम्स में एक आर्टिकल छपा है, जिस पर सोमवार को अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी. भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर अमेरिका ने कहा कि वह इस मामले पर भारत समेत दुनियाभर के देशों से बातचीत कर रहा है. अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम दुनिया भर में सभी के धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. मिलर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत में धर्मनिरपेक्ष ढांचा और मजबूत लोकतंत्र कमजोर हुआ है. प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में मुस्लिम परिवार पीड़ा और अलगाव से जूझ रहे हैं. वे अपने बच्चों को ऐसे देश में पालने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनकी पहचान पर सवाल उठा रहा है. दरअसल, भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन अमेरिका फिर भी सवाल उठा रहा है.
अमेरिका को यह रिपोर्ट दिखाएगी आईना
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की हाल में एक रिपोर्ट आई थी. जिसमें दावा किया गया कि भारत में मुस्लिम आबादी 1950 में 9.84 प्रतिशत थी, जो 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई. इस तरह 75 वर्षों में मुस्लिम आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 1950 से 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदू आबादी का हिस्सा 84.68 प्रतिशत से 78.06 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 7.82 प्रतिशत की कमी दिखाता है. रिपोर्ट में ईसाई, सिख और बौद्ध आबादी में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि जैन और पारसी आबादी में कमी आई.
पीएम मोदी ने किया पर्दाफाश
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसी रिपोर्ट पर प्रकाश डाला और दावा किया कि अल्पसंख्यक खतरे में हैं वाली कहानी झूठी है और इसका पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने कहा कि जो धारणा बनाई गई है, वह गलत साबित हो रही है.