(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Afghanistan पर अमेरिका बोला- तालिबान शासन के साथ संबंध को लेकर भारत के अपने हित
प्राइस ने कहा कि अमेरिका, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के तालिबान सरकार के हाल के कुछ फैसलों को उलटने के लिए उस पर दबाव बढ़ाने को लेकर भी कदम उठा रहा है.
अफगानिस्तान पर कट्टरपंथी संगठन तालिबान के नियंत्रण के बाद पहली बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल की काबुल यात्रा पर अमेरिका ने सोमवार को कहा कि तालिबान शासन के साथ संबंध को लेकर भारत के अपने हित हैं. तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान को अपने कब्जे में लिया था. भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान (पीएआई) के लिए वरिष्ठ राजनयिक जे. पी. सिंह के नेतृत्व में एक दल पिछले सप्ताह अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था. वहां उसने तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की और भारत की ओर से भेजी गयी सहायता के बारे में उनसे चर्चा की.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ दुनियाभर में ऐसे कई देश हैं, जिनके अफगानिस्तान में अलग-अलग हित हैं और जो उन हितों के आधार पर तालिबान के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाते हैं.’’ प्राइस ने कहा, ‘‘ इसी तरह तालिबान शासन के साथ संबंध को लेकर भारत के भी अपने हित हैं. अलग-अलग देशों के तालिबान के साथ अलग-अलग तरह के संबंध बनेंगे. दोहा में हमारा एक दल है, जो हमारे हितों को ध्यान में रखते हुए तालिबान के संबंध बनाने के लिए काम कर रहा है.’’
दबाव बढ़ाने को लेकर भी उठा रहा कदम
प्राइस ने कहा कि अमेरिका, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के तालिबान सरकार के हाल के कुछ फैसलों को उलटने के लिए उस पर दबाव बढ़ाने को लेकर भी कदम उठा रहा है. गौरतलब है कि भारत का तालिबान सरकार के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन उसके दूत पहले भी दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं. दोहा में तालिबान का कार्यालय है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि अफगानिस्तान के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत अब तक 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवा, कोविड-19 रोधी टीकों की पांच लाख खुराक, गर्म कपड़े आदि वहां भेज चुका है.
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