Uyghur Muslim: उइगर मुसलमानों के शोषण को लेकर चीन पर सख्त हुआ अमेरिका, कर रहा शिंजियांग से आयात की कड़ी छानबीन
Uyghur Labor Prevention Act: अमेरिका चीन के उइगर मुसलमानों के लिए अपनाए जा रहे रवैये से खासा नाखुश है. अब उइगर लेबर प्रिवेंशन एक्ट के तहत शिंजियांग से आयात हो रहे हर सामान की वो कड़ी छानबीन कर रहा.
Uyghur Labor Prevention Act: यूएस का कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (Customs And Border Protection- CBP) हालिया कानून के मुताबिक चीन के शिंजियांग से हो रहे हर आयात की छानबीन कर रहा. अमेरिका का हालिया उइगर लेबर प्रिवेंशन एक्ट-यूएफएलपीए (The Uyghur Forced Labor Prevention Act -UFLPA) चीन में उइगर मुसलमानों से जबरन और मजबूरी में कराए गए श्रम पर लगाम लगाने के मकसद से लाया गया है.
इसके जरिए उइगर मुसलमानों से जबरन मेहनत कराकर बनाए गए चीनी सामान पर रोक लगाई जा सकेगी. फॉक्स बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक चीन से लदान यानी शिपमेंट के जरिए यूएस भेजे जाने वाले सबसे अधिक आयातित उत्पादों में सोलर पैनल और उसके पुर्जे हैं.
उइगर लेबर प्रिवेंशन एक्ट का उल्लंघन
फॉक्स बिजनेस ने सीबीपी के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि महज 8 महीने में चीन के दो हजार से अधिक शिपमेंट की पहचान उइगर लेबर प्रिवेंशन एक्ट के तोड़ने के तहत की गई है. सीबीपी के एक प्रवक्ता के मुताबिक जून 2022 और जनवरी 2023 के बीच, 2,692 शिपमेंट की पहचान यूएफएलपीए यानी उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम की शर्तों के उल्लंघन के तौर पर की गई. प्रवक्ता ने बताया, "इन शिपमेंट की कीमत 817,466,574 अमेरिकी डॉलर थी."
गौरतलब है कि द्विदलीय समर्थन के साथ यूएस कांग्रेस के दोनों चैंबर से पास होने के बाद उइगर लेबर प्रिवेंशन एक्ट(यूएफएलपीए) को दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडन ने साइन कर कानून का रूप दिया था. हालांकि ये एक्ट जून 2022 में लागू हुआ. फॉक्स बिजनेस रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बना कोई भी सामान जिसमें सप्लाई चेन के जरिए भेजे जाने पुर्जे भी शामिल होंगे वो असेंबल करने के लिए कहीं भी भेजे जाएंगे तो वो जबरन श्रम का उत्पाद माने जाएंगे और यूएफएलपीए के आयात प्रतिबंधों के तहत आएंगे.
दरअसल इसके जरिए चीन के शिंजियांग से जबरन श्रम से बने सामानों को आर्थिक तौर से प्रतिबंधित किया गया जो कि अमेरिका को बेचे जाते हैं.
सीबीपी के जांच के दायरे में सौर पैनल
फॉक्स बिजनेस की रिपोर्ट बताती है कि यूएफएलपीए के लागू होने के बाद से सीबीपी के जांच के लिए रखे गए लगभग आधे शिपमेंट सौर पैनल या उसके पुर्जे थे. इनका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उद्योग में किया जाता है. वहीं जांच के लिए रखे गए सामानों का लगभग छठा हिस्सा परिधान उत्पादों (Apparel Products) का था. हालांकि सीबीपी ने मौटे तौर पर जांच के दायरे में आए लगभग एक-तिहाई शिपमेंट को जांच करने के बाद रिलीज कर दिया था.
शिंजियांग के उइगर कैंप बने जेल
अमेरिका की मैगजीन फॉरेन अफेयर्स ने हाल ही में बताया कि चीन के शिंजियांग में कई उइगर कैंप को औपचारिक जेलों में बदल दिया गया है और वहां के कैदियों को लंबी जेल की सजा दी गई है. मैगजीन के मुताबिक कई कैदियों को कैंप से शिंजियांग या चीन के अन्य हिस्सों के कारखानों में भेजा गया है. विदेशों में रहने वाले कुछ उइगर परिवारों ने रिपोर्ट दी है कि उनके रिश्तेदार घर वापस आ गए हैं लेकिन नजरबंद हैं.
चीन के शिंजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन काम करवाया जाता है और मना करने पर उनका शोषण किया जाता है. उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जाती है. गरीबी उन्मूलन अभियान की आड़ में बीजिंग दसियों हज़ार ग्रामीण उइगरों को उनके गांवों से निकालकर कारखानों में जाने के लिए मजबूर कर रहा है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने उइगर भाषा के इस्तेमाल की बुराई ही नहीं कि बल्कि इसे प्रतिबंधित किया. यही नहीं वहां इस्लामी प्रथाओं रीति-रिवाजों पर भी रोक लगा दी गई है.
चीन में मस्जिदों और कब्रिस्तानों को तोड़ दिया गया है. चीन ने ऐसा उइगर मुसलमानों की लंबे वक्त से चली आ रही उइगर संस्कृति को नकारने के लिए किया है. उइगर संस्कृति के इतिहास को मिटाने के लिए चीन ने वहां की किताबों यानी पाठ्य पुस्तकों से तक स्वदेशी साहित्य को हटा दिया.
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