Arctic Blast America: आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic blast) के नाम से 2010 में एक मूवी आई थी. इसमें दिखाया गया था कि सूर्यग्रहण (solar eclipse) के कारण धरती पर एक ऐसी शीतलहर (cold wind) आती है,  जिससे हर जगह सिर्फ बर्फ ही बर्फ जम जाती है और दुनिया में कोहराम मच जाता है. 


अभी अमेरिका में मौसम का कुछ ऐसा ही मंजर है. ये आर्कटिक ब्लास्ट का असर है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये मौसम के सबसे खूंखार रूप का धमाका है. अमेरिका के लोग बीते कुछ दिनों से क्रिसमस की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन इस हफ्ते उन्हें खुद को मौसम की सबसे बड़ी मार से बचने के लिए जूझना पड़ रहा है. आर्कटिक ब्लास्ट की वजह से इस हफ्ते अमेरिका के अधिकांश हिस्से भारी ठंड, बर्फबारी और कंपकपाती ठंडी हवाओं की चपेट में हैं. 


अमेरिका के ज्यादातर इलाकों में पारा शून्य से नीचे
अमेरिका की करीब 70 फीसदी आबादी मौसम के कहर आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन (बम चक्रवात) से घिर गई है. इसका ही असर है कि फिलहाल अमेरिका के कई इलाकों में पारा माइनस 20 से माइनस 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.   ये आर्कटिक ब्लास्ट धीरे-धीरे BOMB साइक्लोन का रूप लेने की ओर बढ़ रहा है. BOMB साइक्लोन को हम मौसम का सबसे खूंखार दानव भी कह सकते हैं.  धरती के उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक क्षेत्र से आने वाली ठंडी हवाओं की वजह से ये सब कुछ हो रहा है.


आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन को अच्छी तरह से समझने से पहले एक नजर डालते हैं कि इससे अमेरिका पर क्या असर पड़ रहा है:



  1. आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन के खतरे को देखते हुए अमेरिका के 48 राज्यों को खतरनाक मौसम अलर्ट पर रखा गया है.

  2. अमेरिका के इन 48 राज्यों में 20 करोड़ से ज्यादा लोग आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन के खतरों से जूझ रहे हैं.

  3. क्रिसमस छुट्टियों की तैयारी में जुटे अमेरिकी निवासियों को 4,400 फ्लाइट के रद्द होने की वजह से झटका लगा है. 

  4. अमेरिका का मैदानी इलाका शुक्रवार तक हांड कंपकपा देने वाली ठंड की गिरफ्त में पुंहच गया. ठंडी हवाओं का तूफान कनाडा से अमेरिका के  निचले हिस्से में लोगों के जीवन के लिए खतरा बनकर आगे बढ़ रहा है. 

  5. अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा (NWS) के मुताबिक पहले से ही ठंड झेलने को मजबूर अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में ठंडी हवाओं के गोले लिए आर्कटिक ब्लास्ट के पहुंचने से हालात बदतर होते जा रहे हैं. 

  6. सतर्कता बरतते हुए नॉर्थ कैरोलिना (North Carolina), कॅण्टकी (Kentucky), ऑरेगॉन (Oregon) समेत कई राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है.


तापमान में अचानक से तेज गिरावट


डेनवर (Denver) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तापमान गुरुवार सुबह माइनस 24 डिग्री नीचे तक पहुंच गया. ये 1990 के बाद से दिसंबर का सबसे ठंडा दिन था. डेनवर अमेरिका के कोलोरैडो (Colorado) प्रांत की राजधानी है. आर्कटिक ब्लास्ट  का ही असर है कि डेनवर में बुधवार और गुरुवार के बीच तापमान में 75 °F का फर्क आ गया.  डेनवर में 48 घंटे के बीच तापमान में इस तरह की गिरावट इससे पहले सिर्फ एक बार ही हुआ था. हद तो तब हो गई, जब बुधवार को एक घंटे के भीतर डेनवर एयरपोर्ट पर तापमान में 37 °F का फर्क महसूस किया गया. डेनवर  के तापमान के रिकॉर्ड में ये अब तक एक घंटे की सबसे बड़ी गिरावट है.  आर्कटिक ब्लास्ट अपने साथ  डेनवर के लिए 4 इंच बर्फ की मोटी चादर भी लेकर आया. अकेले सिर्फ डेनवर में  करीब 600 फ्लाइट कैंसिल करना पड़ा. कोलोरैडो के ऊपर नेब्रास्का (Nebraska) राज्य के कुछ इलाकों में  तापमान  शून्य से 54 °F कम दर्ज की गई. 






 


कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित


अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में भी आर्कटिक ब्लास्ट का कहर देखने को मिल रहा है. दक्षिण-मध्य अमेरिकी राज्य टेक्सास (Texas) के लोग भी इस खूंखार हवा से जूझ रहे हैं. आर्कटिक ब्लास्ट के पहुंचने से यहां के हजारों लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हो गए. टेक्सास के ऊत्तरी शहर डैलस (Dallas) का बड़ा हिस्सा गुरुवार रात अंधेरे में डूबा रहा. टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन और ह्यूस्टन (Houston) जैसे बड़े शहरों का भी कड़ाके की ठंड की वजह से बुरा हाल है. 


मेक्सिको तक दिख रहा है असर


आर्कटिक ब्लास्ट का असर मेक्सिको तक देखने को मिल रहा है. टेक्सास के एल पासो (El Paso) से होते हुए मेक्सिको के  स्यूदाद जुआरेज (Ciudad Juárez) तक ठंडी हवाएं पहुंच चुकी हैं. मेक्सिको के इस शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी कैंपों में रहने को मजबूर हैं. आर्कटिक ब्लास्ट के बाद Bomb साइक्लोन से अमेरिका के मध्य पश्चिमी राज्यों में भारी बर्फवारी और बर्फीले तूफान की स्थिति बन गई है. 


राष्ट्रपति बाइडेन हालात पर नजर बनाए हुए हैं


ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पश्चिमी हिस्सों की तरह ही अगले दो दिनों में अमेरिका के पूर्वी हिस्सों के ज्यादातर इलाके भी आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन की चपेट में होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वे नेशनल वेदर सर्विस और फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. बाइडेन ने कहा है कि ये वास्तव में गंभीर मौसम चेतावनी है और व्हाइट हाउस सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के 26 गवर्नरों से लगातार संपर्क में है.


पारा माइनस 57 डिग्री तक लुढ़क सकता है


पिछले 8 साल में अमेरिका और कनाडा के लोगों को इस तरह की ठंड और अचानक तापमान में गिरावट की इतनी बड़ी घटना से नहीं गुजरना पड़ा था. अनुमान है कि अमेरिका में मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में पारा माइनस 70 डिग्री फ़ारेनहाइट या माइनस 57 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है.  


आर्कटिक ब्लास्ट क्या है ?


आर्कटिक ब्लास्ट इस हफ्ते अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में भयानक ठंड, बड़े पैमाने पर बर्फबारी और तेज ठंडी हवाएं लेकर आया. धरती के उत्तरी ध्रुव के आसपास का इलाका आर्कटिक के नाम से जाना जाता है. आम भाषा में कह सकते हैं कि आर्कटिक ब्लास्ट में इसी हिस्से से ठंडी हवा का एक बड़ा सा गोला कनाडा से होते हुए अमेरिका पहुंचता है और अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में अचानक से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाती है. इस स्थिति में कुछ ही घंटों में तापमान 20 डिग्री फ़ारेनहाइट  या 11 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिर सकता है. कुछ मिनट या कुछ घंटे में ही तापमान शून्य से काफी नीचे खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. मैदानी इलाकों में तो टेम्परेचर माइनस 70 डिग्री फ़ारेनहाइट या  माइनस 57 सेल्सियस तक कम हो सकता है.  


आर्कटिक ब्लास्ट बनने की प्रक्रिया 


आर्कटिक ब्लास्ट बनने की प्रक्रिया धरती के उत्तरी छोर से शुरू होती है. आर्कटिक के बर्फ से ढके इलाकों में ठंडी हवा जमा होती है. फिर जेट स्ट्रीम के रूप में ये ठंडी हवा अमेरिका की तरफ बढ़ने लगती है. आगे इसकी भिड़ंत तुलनात्मक रूप से गर्म और नमी वाली हवा से होती है और इससे ऐसा सिस्टम बनता है, जो आगे चलकर अमेरिका पर कहर बरपाने के लिए BOMB साइक्लोन का रूप ले लेता है.  


क्या होता है BOMB साइक्लोन ?
BOMB साइक्लोन सामान्य तूफान नहीं होता है. यह जानलेवा तूफान है. ठंडी हवाओं का तूफान बाद में BOMB साइक्लोन बन जाता है. ये बहुत ही तेजी से आगे बढ़ता है. आप इसके विनाशकारी प्रभाव का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि BOMB साइक्लोन कैटेगरी 2 टाइप के हुरीकेन (hurricane) जैसा प्रेशर लेकर आगे बढ़ता है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि BOMB साइक्लोन once in a generation type of event है. नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक शुक्रवार तक न्यूयॉर्क के पास बफ़ेलो (Buffalo) शहर और उसके आसपास एक से तीन फीट तक बर्फ जम सकता है और 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चल सकती हैं.


BOMB साइक्लोन बनने की प्रक्रिया


BOMB साइक्लोन तब बनता है जब तेज तूफान में वायुमंडलीय दबाव (atmospheric pressure) बहुत जल्दी नीचे चला जाता है. इस बार मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि कनाडा और अमेरिका के बॉर्डर पर स्थित ग्रेट लेक्स इलाकों में BOMB साइक्लोन बनने के हालात बन रहे हैं. आर्कटिक ब्लास्ट के असर से  BOMB साइक्लोन का रूप लेने के दौरान ठंडी हवाएं 70 से 80 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस रफ्तार से ठंडी हवाओं को झेलना कितना मुश्किल हो सकता है.  


अमेरिका के पूर्वोत्तर इलाकों में Flash Freeze 


अमेरिका के कई इलाकों ख़ासकर पूर्वोत्तर के हिस्सों में फ्लैश फ्रीज़ (flash freeze) जैसे हालात हो चुके हैं. वाशिंगटन और फिलाडेल्फिया सहित पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में  बहुत ज्यादा बारिश की आशंका है. उसके बाद तापमान में अचानक तेजी से गिरावट से फ्लैश फ्रीज़ का खतरा बढ़ जाएगा. जब तापमान में बुहत तेजी से गिरावट अचानक दर्ज की जाती है, सड़क या जमीन पर कुछ भी गीला होता है वो जम जाता है. इसे ही फ्लैश फ्रीज़ कहते हैं. इस स्थिति को ठंड में छिपा हुआ खतरा (sneaky winter hazard) माना जाता है. ऐसी हालत में सड़कों पर ड्राइविंग  बेहद ही खतरनाक होता है. 


अमेरिका के लिए आर्कटिक ब्लास्ट कितना खतरनाक


आर्कटिक ब्लास्ट से भारी बारिश होती है. तेज हवाएं चलती हैं और तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा जो जाते हैं. अचानक तापमान में बड़ी गिरावट से भारी बारिश के बाद जगह-जगह बर्फ के पहाड़ बन जाते हैं. हिमपात या स्नोफॉल तो हर साल अमेरिका के लोग झेलते हैं, लेकिन आर्कटिक ब्लास्ट की वजह से बर्फ के पहाड़ बनने से लोगों की मुश्किलें कई गुना ज्यादा बढ़ जाती हैं. सड़कों पर जो पानी होता है, उसके बर्फ बनने से यातायात बहाल करने में काफी वक्त लग जाता है. ये समझना होगा कि आर्कटिक ब्लास्ट के बाद हर जगह बर्फ बनना और स्नोफॉल होना दोनों में बहुत ज्यादा फर्क है. बिजली के ट्रांसमिशन तारों पर भी बर्फ की मोटी परत जम जाती है. इससे कई इलाके अंधेरे में डूब जाते हैं. आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं कि हर घंटे में ही एक से दो इंच बर्फ की परत बन जाती है. 50 मील प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलती हैं. इससे विज़बिलिटी लगभग शून्य हो जाती है


arctic teeter-totter  को समझें


आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन से अमेरिका के कई इलाकों में तापमान में अचानक से बहुत ज्यादा फर्क आ जाता है.  मौसम वैज्ञानिक इस तरह के वैदर पैटर्न को arctic teeter-totter कहते हैं.  इस तरह के पैटर्न में बहुत ही कम समय में एक जगह के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर आ जाता है. मौसम के लिहाज से ये सामान्य पैटर्न नहीं है. यह तब होता है  पूर्वी साइबेरिया और पश्चिमी अलास्का में गर्म हवा बढ़ती है और वहां से खूंखार आर्कटिक एयर का बहाव अमेरिका के निचले हिस्से की ओर होने लगता है.


अमेरिका के दो तिहाई हिस्से पर आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन का असर गंभीर रूप से पड़ने की संभावना है.  साल के आखिर तक इन ठंडी हवाओं से अमेरिका के लोगों को राहत मिलने का अनुमान है. 


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