US Air Force: संयुक्त राज्य अमेरिका को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. अमेरिकी वायु सेना ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका ने कैलिफोर्निया में तट से 'हवा से जमीन पर मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोटोटाइप' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह मिसाइल ध्वनि की स्पीड से पांच गुना ज्यादा स्पीड की रफ्तार से मार करती है.''
अमेरिकी वायु सेना के बयान में आगे कहा गया है, "ए बी-52एच स्ट्रैटोफोर्ट्रेस ने 9 दिसंबर को दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट से पहला ऑल-अप-राउंड एजीएम-183ए एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन सफलतापूर्वक जारी किया. ARRW विमान से अलग होने के बाद, मिसाइल ध्वनि की स्पीड से पांच गुना ज्यादा हाइपरसोनिक स्पीड तक पहुंच गई, मिसाइल ने अपनी उड़ान पूरी करने के बाद अपने निशाने पर जाकर विस्फोट किया."
2023 तक होगी तैनाती
यह अमेरिका की तरफ से किया गया परीक्षण पूरी तरह से एक प्रोटोटाइप परिचालन मिसाइल का पहला प्रक्षेपण है. इससे पहले, यूरेएशियन टाइम्स ने रिपोर्ट में कहा था कि अमेरिकी वायु सेना ने बार्क्सडेल एयर फोर्स बेस से B-52H विमान से अपनी पहली हवा से लॉन्च की जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल को लॉन्च किया था. अमेरिकी वायु सेना ने कहा कि देश की सुरक्षा में एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन 2023 तक तैनात किया जा सकता है.
अपने बचाव के लिए इस्तेमाल करेगा अमेरिका
लॉकहीड मार्टिन एजीएम-183ए एआरआरडब्ल्यू एक लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो यूएस एयर फोर्स के लिए तैयार की गई है. यह मिसाइल यूएस एयर फोर्स की ताकत को और ज्यादा बढ़ा देगी. अमेरिका इस मिसाइल से अपने बचाव के लिए इस्तेमाल कर सकेगा. मिसाइल ध्वनि की स्पीड से पांच गुना अधिक स्पीड से अपने लक्ष्य को भेदती है, जिससे अमेरिका को बिजली की गति से अपने दुश्मनों के हमलों को रोकने के साथ में किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेद सकती है.
एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक बी-52 हथियार प्रणाली के मैनेजर मास्टर सार्जेंट कालेब नोलेन ने बताया, "यह B-52 की दूरगामी क्षमताओं को दर्शाता है. लेकिन अब यह ARRW प्रणाली के साथ मिलकर अपनी लड़ाकू क्षमताओं को और भी सुदृढ़ बना देगा."
तेजी से हथियार बनाने को बढ़ावा देने का 'प्रोग्राम'
अमेरिकी एयर फोर्स ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा प्रमाणीकरण अधिनियम की धारा 804 रैपिड प्रोटोटाइपिंग की वजह से हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित करने में तेजी आई है. यह रैपिड फील्डिंग प्रोग्राम का हिस्सा है. यह प्रोग्राम तेजी से हथियार के विकास को बढ़ावा देता है.
जापान की खास तैयारी
वहीं, इस बीच, जापानी समाचार एजेंसी क्योदो ने शनिवार को सूत्रों का हवाला से बताया कि जापान के रक्षा मंत्रालय ने हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों को नियंत्रित करने के लिए जमीन से आत्मरक्षा के लिए दो इकाइयां बनाने की योजना बनाई है.
क्योदो की रिपोर्ट के अनुसार, इन इकाइयों को 2026 तक क्यूशू और होक्काइडो के द्वीपों पर तैनात किए जाने की उम्मीद है. इसी समय सीमा में जापानी अधिकारियों ने आधुनिक "टाइप 12 एंटी-शिप मिसाइल" तैनात करने का समय भी निर्धारित किया है. जिसकी सीमा मौजूदा 100 किलोमीटर के बजाय 1,000 किलोमीटर से ज्यादा होगी.
जापानी मीडिया ने पहले बता दिया है कि वहां की सरकार 3,000 किलोमीटर तक की रेंज वाली मिसाइलों का विकास कर रही है. होक्काइडो क्षेत्र सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में उनकी चरणबद्ध तैनाती करने की तैयारी कर रही है.
बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी
इसके अलावा, जापानी मीडिया ने यह भी बताया था कि जापान और अमेरिका हाइपरसोनिक ग्लाइडिंग वारहेड के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी में मिलकर अध्ययन की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं. खास तौर पर जापानी रक्षा मंत्रालय लंबी दूरी की मिसाइलों के लिए एक इंजन डिजाइन करने की योजना बना रहा है जो दुश्मन की मिसाइल के रास्ते में बदलाव होते ही उसे मार गिराने की कुवत रखता है.