US Abortion Pills Law: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सैमुअल अलिटो ने निचली अदालत के गर्भपात से जुड़े फैसलों को अस्थायी रूप से रोक दिया. इस फैसले में गर्भपात की गोली मिफेप्रिस्टोन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए था. इसके बाद यूएस सुप्रीम कोर्ट के पास अब यह तय करने का समय है कि निचली अदालत के फैसलों के संबंध में आगे क्या करना है.


दवा से जुड़ी कानूनी लड़ाई तब शुरू हुई जब टेक्सास में एक संघीय न्यायाधीश ने मिफेप्रिस्टोन पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. जिसमें कहा गया था कि दवा का इस्तेमाल जन्म लेने से पहले बच्चे को मारने के लिए किया जा रहा था.


मिफेप्रिस्टोन दवा को बैन करने का फैसला 
अमेरिका के टेक्सास और वाशिंगटन में फेडरल जजों ने 7 मार्च को मिफेप्रिस्टोन दवा को बैन करने का फैसला सुनाया था. मिफेप्रिस्टोन दवा का इस्तेमाल आमतौर पर गर्भपात के लिए किया जाता है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मिफेप्रिस्टोन के गोलियों का सेवन करने को लेकर मान्यता दे रखी है. अमेरिका में जिन राज्यों ने गर्भपात पर रोक लगाई है, उन पर गोलियों की डिलीवरी रोकने के उपायों पर विचार चल रहा है.


वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर चल रहे हमलों के सामने दवा पर बैन लगाने की लड़ाई का दांव बड़ा नहीं हो सकता.
 
दवा को बैन करने की पैरवी कर रहे है
मिफेप्रिस्टोन दवा को बनाने वाली कंपनी डैंको लेबोरेटरीज ने निचली अदालतों के फैसलों पर रोक लगाने के लिए एक अलग फाइल में सुप्रीम कोर्ट से भी कुछ सवाल पूछे थे. वहीं गर्भपात-विरोधी कार्यकर्ता दवा को बैन करने की पैरवी कर रहे है.


वो दावा करते है कि ये असुरक्षित है और इसे पूरी तरह से नियंत्रित या प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि दवा के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम पैदा कर सकती है. इससे ब्लड फ्लो ज्यादा होता है और संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है.


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