अमेरिका में कल राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे है. चुनावों को लेकर तनाव का माहौल देश भर में दिख रहा है. ऐसे में लोग अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक खरीद रहे हैं. बंदूक खरीदने वालों की संख्या में 40 प्रतिशत ऐसे लोग है जिन्होंने जिंदगी में पहली बार अपने हाथ में बंदूक थामी है.
34 साल के आर्थर बेन्सन जो खुद को बंदूक के ऑनर बताते है. गर्मियों के वक्त उन्होंने ब्लैक लाइव्स मैटर की योजना बनाई थी. उनके साथ 50 लोग शामिल हुए थे जिनके साथ 300 काउंटर प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के झंडे और राइफल हाथ में थामी थी. उन्होंने कहा कि कोई तरीका नहीं था अगर इन्होंने बंदूक मेरे पर तान दी होती. मैंं खुद ब्लैक हूं और मेरे हाथों में जबरदस्ती बंदूक रखी गई थी.
मार्च में 3.7 मिलियन और जून में 3.9 मिलियन लोगों ने खरीदी बंदूक
आपको हैरानी होगी ये बात जानकर लेकिन, अमेरिका के लोग ज्यादातर ये करते दिख रहे है. अपनी जिंदगी में पहली बार बंदूक खरीद रहें है. और ये सब देश में बने राष्ट्रपति चुनावों को लेकर. सितंबर में एफबीआई के रिकॉर्ड के हिसाब से बंदूक खरीदने के लिए बैकग्राउंड क्लियर दिखाना जरूरी होता है. लेकिन मार्च में (3.7 मिलियन) और फिर जून में (3.9 मिलियन) सितंबर (28.8 मिलियन) तक की बैकग्राउंड की जांच ने पिछले साल के आंकड़ों (28.4 मिलियन) को पार कर लिया है.
सिविल वॉर होने की संभावना बनते दिख रही- बंदूक व्यापारी
बंदूक व्यापार संघ नेश्नल स्पोर्ट्स शूटिंग फाउंडेशन के अनुसार 40 प्रतीशत ग्राहकों ने पहली बार बंदूक खरीदी है. जिसमें सबसे बड़ी संख्या वाले राज्यों में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों हैं. वहीं साल 2016 में हुए चुनावों में बैकग्राउंड चेक करा कर बंदूक खरीदने वालों की कुल संख्या 27.5 मिलियन थी. बेन्सन कहते है कि मुझे बंदूकों का शौक नहीं है लेकिन मुझे मेरा राइट दिखाने की जरूरत लगी. चुनावों के नतीजों को लेकर लोगों में तनाव दिख रहा है. देश में बंदूक व्यापरियों को सिविल वॉर होने की संभावना होते दिख रही है.
आपको बता दें, अमेरिका में चुनावों को लेकर घमासान जारी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है. अब देखना ये होगा कि चुनावों के नतीजे किस के पक्ष में आते है.
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