(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pig Liver Converted In Human Liver: अमेरिका में सूअर के लिवर को इंसान जैसा बनाने की कोशिश क्यों हो रही है
America News : वैज्ञानिक मानव अंगों की कमी पूरी करने के लिए सूअर के लिवर से मानव लिवर बना रहे हैं. साल 2023 से किसी भी समय इसकी परीक्षण हो सकती है.
Pig Liver Converted Into Human Liver : आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिक अब सूअर के लिवर को मानव के लिवर में बदलने का प्रयास कर रहे हैं .इसके लिए पिछले कई दिनों से रिसर्च चल रहा था. वैज्ञानिकों ने सबसे पहले इसकी शुरुआत अमेरिका के मिनेपोलिस की एक रिसर्च सेंटर में हुई थी. इसके तहत सबसे पहले सूअर के कोशिकाओं को अच्छे से साफ किया जाता है. यह रिसर्च इसलिए किया जा रहा है ताकि मानव अंगों की कमी को पूरा किया जा सके.
दरअसल कोशिकाओं को साफ करने के बाद उसका रंग धीरे धीरे बदलने लगता है. बाद में वह रबर के जैसा एक लिवर के जैसा एक ढांचा में तब्दील हो जाता है. बता दें कि इसके बाद एक मानव के लिवर से कोशिकाएं ली जाती हैं और उन्हें सूअर वाले ढांचे में डाला जाता है.
किसी भी समय हो सकता है परीक्षण
मिनेपोलिस के सीईओ जेफ रॉस ने बताया कि एक नए अंग को बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि 'हमारे शरीर में इसे सूअर का अंग नहीं समझा जाएगा'. साल 2023 में मानव पर इसका परीक्षण किसी भी वक्त हो सकता है. यह परीक्षण अपने आप में ही ऐतिहासिक है, क्योंकि आज तक कोई भी ऐसा परीक्षण नहीं हुआ है.
शरीर के बाहर ही होगा परीक्षण
अमेरिकी एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अगर इस परीक्षण की अनुमति देता है तो यह परीक्षण शरीर के भीतर नहीं होगा. यह परीक्षण शरीर के बाहर होगा. शोधकर्ताओं ने कहा है कि सूअर के इंसानी रूप में बदले हुए लिवर को मरीज के बगल में रखा जाएगा और वहां से मरीज के शरीर को जोड़ दिया जाएगा. यह लिवर बाहर से ही रक्तशोधन का काम करेगा.
शोधकर्ताओं ने क्या कहा
शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर यह लिवर काम कर जाता है तो ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में यह बहुत ही बड़ा कदम होगा. उनका अस्पताल इस प्रयोग में शामिल होने वाले चंद अस्पतालों में से है. डॉ. फ्लोरमान बताते हैं, यह सुनने में साइंस फिक्शन जैसा लगता है लेकिन कहीं तो इसकी शुरुआत होनी है. मेरे ख्याल से यह निकट भविष्य की बात है.
मानव अंगों की भारी कमी
दुनिया में मानव अंगों की भारी मात्रा में कमी है, जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती है. अमेरिका में ट्रांसप्लांट की सबसे ज्यादे मामले हैं. हजारों लोगों की जान इंतजार करने में भी चली जाती है. पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय मेडिकल सेंटर में प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. अमित तेवर ने कहा है, हमारे पास जितने अंग उपलब्ध हैं उनसे मांग कभी पूरी नहीं होगी. इससे हमें बहुत खीज भी होती है.