Religious Freedom: अमेरिका ने तैयार की धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब देशों की लिस्ट, चीन और पाकिस्तान भी शामिल
विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका दुनिया के हर देश में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता की स्थिति की सावधानी से निगरानी करेगा और धार्मिक उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करने वालों की वकालत करता रहेगा.
America On Religious Freedom: अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति के लिए चीन, ईरान, पाकिस्तान और रूस सहित 12 देशों को 'विशेष चिंता वाले देशों' के रूप में नामित किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार (2 दिसंबर) को कहा कि जिन देशों को विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया गया है, उनमें उत्तर कोरिया और म्यांमार भी शामिल हैं. इसी के साथ अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को निगरानी सूची में रखा गया है.
इसके अलावा, अमेरिका ने एक निजी अर्धसैनिक संगठन क्रेमलिन-संरेखित वैग्नर ग्रुप, जो सीरिया, अफ्रीका और यूक्रेन में सक्रिय है सहित कई समूहों को भी विशेष चिंता की संस्थाओं के रूप में नामित किया है. मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि वैगनर समूह को मध्य अफ्रीकी गणराज्य में अपनी गतिविधियों के लिए नामित किया गया है.
विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित क्यों किया गया?
ब्लिंकन ने बयान में कहा, "इन्हें नामित करने की हमारी घोषणा राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और दुनियाभर में मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए हमारे मूल्यों और हितों को ध्यान में रखते हुए की गई है. जो देश प्रभावी रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं, वे अधिक शांतिपूर्ण, स्थिर, समृद्ध और अमेरिका के ज्यादा विश्वसनीय सहयोगी हैं उन लोगों की तुलना में जो ऐसा नहीं करते हैं."
ईरान में सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन सूचियों से देशों को हटाने के लिए ठोस कदमों की रूपरेखा तैयार करेगा और सभी सरकारों के साथ बैठक करने के अवसर का स्वागत करेगा. उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई को लेकर वाशिंगटन ने ईरान पर दबाव बढ़ा दिया है. 1979 की क्रांति के बाद से यह पहली बार है जब देश के नागरिकों ने सत्ता के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है. ईरान के नागरिकों का बहुत से पश्चिमों देशों ने समर्थन भी किया है.
'अमेरिका करेगा धार्मिक स्वतंत्रता की वकालत'
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका दुनिया के हर देश में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता की स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करना जारी रखेगा और धार्मिक उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करने वालों की वकालत करता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम नियमित रूप से धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के दायरे के संबंध में अपनी चिंताओं के बारे में देशों को शामिल करेंगे, भले ही उन देशों को नामित किया गया हो.
किन देशों को किया नामित?
बर्मा (म्यांमार), पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, क्यूबा, इरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, उत्तर कोरिया (डीपीआरके), पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 'विशेष चिंता वाले देशों' के रूप में नामित किया गया है.
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