वाशिंगटनः एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद भड़की हिंसा अमेरिका के 14 राज्यों में फैल चुकी है. हालात कितने गंभीर इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के 25 शहरों कर्फ्यू लगा दिया गया है. बता दें मिनेपॉलिस में एक अश्वेत व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने जब इस अश्वेत व्यक्ति को पकड़ा था तब उसका वीडियो वायरल हो गया और उसकी मौत के बाद मिनेपॉलिस हिंसा भड़क गई जो कि अमेरिका के कई राज्यों में फैल गई .


व्हाइट हाउस के पास पहुंचे प्रदर्शनकारी 


प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को प्लास्टिक की बोतलों में पानी भरकर पुलिसकर्मियों फेंकी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के नजदीक शेवरलेट की गाड़ियों में आग लगा दी. यह गाड़ियां पुलिस और विशेष सेवा के अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं.  पुलिस ने बताया कि अभी तक पूरे अमेरिका 1400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.


यहां हो रहे हैं प्रदर्शन


अमेरिका न्यूयॉर्क, ओहायो, ओरेगन, पेंसिल्वेनिया, साउथ कैरोलिना, टेनेसी, उटाह, वॉशिंगटन, विस्कॉन्सिन, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉय, केंटकी और मिनेसोटा में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.


ट्रंप सरकार की भूमिका पर खड़े हुए गंभीर सवाल 


तमाम दावों के बाद हकीकत यही है कि अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का फर्क आज तक मिटा नहीं है.  ये फर्क अमेरिका के अस्तित्व में शुरू से बरकरार रहा है. एक अश्वेत बराक ओबामा के दो बार राष्ट्रपति बनने के बाद यह फर्क नहीं मिट सका है. वहीं दूसरी ओर इस विवाद में ट्रंप सरकार की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. जानकार मान रहे हैं यह हिंसा आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एक बड़ा विभाजनकारी मुद्दा बन सकती है जिसका फायदा ट्रंप को मिल सकता है. 2015 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनल्ड ट्रंप एक ऐसे उम्मीदवार के रूप में उभरे थे जिन्होंने न केवल श्वेत अश्वेत के बीच की दरार को बढ़ावा दिया, बल्कि इसका फ़ायदा भी उठाया.


ट्रंप अपनी घरेलू नीतियों में श्वेत अश्वेत का यह विभाजन बढ़ाते रहते हैं. जब वह नौकरी की बात करते हैं तो उनका ध्यान उन इलाक़ों में अधिक रहता है जहाँ श्वेत अधिक बसते हैं. वे जब ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ की नीति की बात करते हैं तो जिस कॉरपोरेट वर्ग को खुश करना चाहते थे, उनके मालिक मोटे तौर पर श्वेत हैं.


ट्रंप ने किए भड़काऊ ट्वीट 


अश्वेतों के प्रदर्शन के बाद ट्रंप के किए गए भड़काऊ ट्वीट भी इसी ओर इशारा करते हैं कि ट्रंप को चुनाव के लिए एक विभाजनकारी मुद्दा मिल गया है.  बता दें  ट्रंप ने ट्वीट किया था, 'जब लूटपाट शुरू होती है तो फ़ायरिंग भी शुरू होती है.’ उन्होंने इसी तरह के एक ट्वीट में प्रदर्शनकारियो को ‘ठग’ यानी लुटेरा भी कहा था – जिसे हिंसात्मक और भड़काऊ बताते हुए ट्वीटर ने डिलीट भी कर दिया.


क्या है वह घटना जिसके बाद शुरू हुई हिंसा?


मिनेपोलिस में 26 मई को जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था.


इस घटना एक वायरल हो गया. इसमें 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा. धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो जाती है. इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती. इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है. उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है.


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