Afghan Evacuation 2021: अफगान युद्ध में अपना पैर गंवाने वाले एक पूर्व अमेरिकी मरीन ने बुधवार (8 मार्च) को सांसदों के सामने गवाही दी. इस दौरान उसने जो कहा, वह काफी हैरान करने वाला है. दरअसल, इस सैनिक ने बताया कि अगस्त 2021 में जब अमेरिकी सैनिक काबुल से निकल रहे थे, तब बड़ी संख्या में अफगानिस्तानियों ने अमेरिकी सैनिकों से मदद मांगी थी. मदद से इनकार करने पर हजारों अफगानों में से कुछ ने तालिबान के कब्जे में रहने के बजाय भयावह मौत को चुना.
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी, सार्जेंट के सामने अपनी गवाही के दौरान टायलर वर्गास-एंड्रयूज उस पल को बयां करते करते रो पड़े, जब अमेरिकी सैनिक हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से निकल रहे थे. उस वक्त एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों की भीड़ थी और वहां से अराजक और दिल दहला देने वाली तस्वीरें आ रहीं थीं. उस मंजर के बारे में बताते हुए ही वर्गास एंड्रयूज रो पड़े.
अफगान में हुई बमबारी में गईं आंखें
सार्जेंट ने ये भी बताया कि अमेरिकी सैनिकों की निकासी के दौरान की व्यवस्था को बाइडेन सरकार ने कैसे संभाला. उन्होंने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद के दिनों में अराजकता और तैयारी की कमी के बारे में भी बताया. सार्जेंट एंड्रयूज ने बताया कि कई हफ्तों तक चलने वाले अभियानों के दौरान, अमेरिका और गठबंधन सेना ने लगभग 130,000 लोगों को निकाला, लेकिन उनके हजारों अफगान सहयोगी और सैकड़ों अतिरिक्त अमेरिकी पीछे रह गए. सार्जेंट एंड्रयूज संघर्ष के अंतिम हफ्तों में काबुल की निकासी में सहायता के लिए भेजे गए लगभग 5,800 सैनिकों में से एक थे. आखिरी दिनों में तालिबान की तरफ से हुई बमबारी में 170 अफगान नागरिकों के अलावा, 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए थे.
आंखों के सामने देखा तालिबान का अत्याचार
सार्जेंट वर्गास-एंड्रयूज ने अदालत में दावा किया कि उन्हें और एक अन्य अमेरिकी मरीन को पहले से ही बमबारी की जानकारी थी और उन्होंने भीड़ में संदिग्ध को देखा था. उन्होंने दावा किया कि अपने सीनियर अफसरों को सचेत करने के साथ ही उन्होंने वहां से निकलने के लिए उनकी स्वीकृति मांगी थी, लेकिन यह मंजूरी कभी नहीं मिली. इस बमबारी में उनके पैर को नुकसान पहुंचा था. उन्होंने बताया कि विस्फोट के बाद मेरे कई साथियों के शव पड़े हुए थे. बॉल बेयरिंग और छर्रे मेरे खुले शरीर में कई जगह घुसे हुए थे. उन्होंने दावा किया कि हमारे और तालिबान के बीच केवल शिपिंग कंटेनर खड़े थे, जब उन्होंने हमारे स्थान के सामने 155 गज की दूरी पर अनगिनत अफगानों को मार डाला.
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