अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन ने शनिवार को संकल्प व्यक्त किया कि प्रेजिडेंट के रूप में उनके कार्यकाल के पहले दिन अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होगा. उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान कम करने के उद्देश्य से हुए ऐतिहासिक समझौते को आज पांच साल पूरे हो गए.
ट्रंप ने समझौते की बार-बार की आलोचना
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने 2015 के जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से इस साल चार नवंबर को औपचारिक रूप से समर्थन वापस ले लिया था. दरअसल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में इस फैसले की घोषणा की थी. ट्रंप ने बार-बार समझौते की आलोचना करते हुए इसे आर्थिक रूप से नुकसानदेह बताया है और दावा किया है कि इससे 2025 तक देश को 25 लाख नौकरियों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
जलवायु शिखर वार्ता का आयोजन भी किया जाएगा
उन्होंने यह भी कहा कि इससे उत्सर्जन करने वाले चीन और भारत जैसे अन्य बड़े देशों को फ्री पास मिल गया है. बाइडेन ने कहा, ‘‘अमेरिका बतौर राष्ट्रपति मेरे कार्यकाल में पेरिस समझौते में फिर से शामिल होगा और मैं दुनिया के अपने समकक्षों के साथ तत्काल काम करना शुरू कर दूंगा जिसमें मेरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के अंदर बड़ी महाशक्तियों के नेताओं के साथ जलवायु शिखरवार्ता का आयोजन करना शामिल है.’
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