संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका के विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि वह अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट को ताइवान यह दिखाने के लिए भेज रहे हैं कि ‘‘मुक्त चीन क्या हासिल कर सकता है.’’


ताइवान भरोसेमंद साझेदार- पोम्पियो

चीन ने उनकी इस घोषणा की तीखी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि अमेरिका को इस कदम के लिए ‘भारी कीमत चुकानी होगी.’’ पोम्पियो ने गुरुवार को कहा, ‘‘ताइवान भरोसेमंद साझेदार और जीवंत लोकतंत्र है. सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) ने उसकी महान उपलब्धियों को कमतर करने की कोशिश की. इसके बावजूद वह फला-फूला.’’

संयुक्त राष्ट्र में चीनी मिशन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि उनका देश ‘‘क्राफ्ट की यात्रा का पुरजोर तरीके से विरोध करता है.’’ बयान में कहा गया, ‘‘दुनिया में केवल एकल चीन है और ताइवान क्षेत्र चीन का एक अभिन्न हिस्सा है.’’


चीन के मुख्य हितों को नुकसान में अमेरिका नहीं होगा सफल- प्रवक्ता


चीन के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका ताइवान के मुद्दे पर राजनीतिक तिकड़म से चीन के मुख्य हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में सफल नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका को याद दिलाना चाहते हैं कि वह आग से खेल रहा है जिसमें वह खुद जल जाएगा.’’


उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कांग्रेस में दोनों प्रमुख पार्टियों के समर्थन की वजह से ताइवान से अमेरिका का संबंध मधुर है लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की इच्छा चीन की धमकी को नजर अंदाज कर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निरंकुशता का विकल्प तैयार करने की रही है.


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