Nuclear Bomb: अपने सबसे खतरनाक परमाणु बम को अपग्रेड करेगा अमेरिका, जानिए कितना खतरनाक है B61-13, परमाणु हमले का दुनिया पर क्या होगा असर
America and Nuclear Gravity Bomb: अमेरिका समय-समय पर रूस और चीन जैसे संभावित विरोधियों को रोकने और हराने के लिए परमाणु बम की आवश्यकता पर जोर देता रहा है. रूस से उसकी टकराहट जगजाहिर है.
US Plan to Modernise Primary Nuclear Gravity Bomb: अमेरिकी रक्षा विभाग अपने प्राइमरी न्यूक्लियर ग्रैविटी बम को आधुनिक बनाने पर काम कर रहा है. इस संबंध में उसने अपनी योजना का भी अनावरण किया है. ऊर्जा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (एनएनएसए) के नेतृत्व में यह पहल बी61-13 युद्ध सामग्री के विकास पर केंद्रित है.
अंतरिक्ष नीति के सहायक रक्षा सचिव जॉन प्लम्ब ने इस संबंध में कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका की ज़िम्मेदारी है कि हम उन क्षमताओं का आकलन और विकास जारी रखें जिनकी हमें विश्वसनीय रूप से जरूरत हो." यह आधुनिकीकरण अमेरिका की ओर से अपने परमाणु शस्त्रागार को उन्नत करने और बनाए रखने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है, जिसमें हथियार, मिसाइल, बमवर्षक और पनडुब्बियां शामिल हैं.
अमेरिका इसलिए बताता है जरूरी
अमेरिका का कहना है कि B61-13 रूस और चीन जैसे संभावित विरोधियों को रोकने और हराने के लिए आवश्यक है, जो अपने स्वयं के परमाणु बलों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. अमेरिका का यह भी कहना है कि B61-13 राष्ट्रपति और सैन्य कमांडरों को विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों, जैसे कठोर बंकरों या बड़े क्षेत्रों पर हमला करने के लिए अधिक ऑप्शन देगा. हालांकि, B61-13 विवादास्पद और महंगा होगा.
क्या है बी-61 बम?
B61 एक ग्रैविटी बम है, इसका अर्थ यह है कि यह विमान से गिराया जाता है और गुरुत्वाकर्षण से अपने लक्ष्य पर गिरकर जमीन के अंदर तीन फीट नीचे तक चला जाता है. यह 1968 से ही अमेरिका के पास है. अमेरिका ने इसके कई वर्जन बना लिए हैं, लेकिन बी61-12 सबसे नवीनतम और खतरनाक वर्जन है. इसे पहली बार 2020 में बनाया गया था. इन बमों को स्ट्रैटेजिक और टैक्टिकल दोनों ही प्रकार से बनाया गया है. स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर बम बड़े शहरों को तबाह करने के लिए यूज किया जा सकता है. दूसरा है टैक्टिकल न्यूक्लियर बम, जिसे छोटे इलाकों और युद्ध के मैदानों में सेना के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं. जून में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया था कि अमेरिका ने यूरोप में 200 परमाणु हथियारों को छिपा रखा है.
किसके पास कितना परमाणु बम?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, दिसंबर 2022 तक अमेरिका के पास 6,185 और रूस के पास 6,500 परमाणु बम थे. रूस और अमेरिका के पास दुनिया का 90 फीसदी परमाणु हथियार है. अनुमान के मुताबिक भारत के पास 140-160 और पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. इसके अलावा चीन के पास 290, फ्रांस के पास 300, इजरायल के पास 80-90 और ब्रिटेन के पास 200, उत्तर कोरिया के पास 20-30 परमाणु हथियार हैं.
कितना खतरनाक होता है विस्फोट?
परमाणु बम की सबसे खतरनाक बात यह है कि ब्लास्ट के बाद रेडियोएक्टिव पार्टिकल एनवायरमेंट में फैल जाते हैं और धरती के लोगों पर इनका असर लंबे समय तक देखने को मिलता है. परमाणु हमले की वजह से तेज गर्मी और रेडिएशन निकलता है. ये लोगों को लंबे समय तक प्रभावित करता है और ल्यूकेमिया, कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण बनता है.
कितनी तबाही ला सकता है?
अगर अभी किसी देश के बीच परमाणु युद्ध होता है तो पूरी दुनिया को इसका नुकसान हो सकता है. स्विट्जरलैंड की संस्था इंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लियर वेपन (ICAN) के मुताबिक, एक परमाणु बम विस्फोट से लाखों लोगों मौत हो जाएगी. अगर एक से ज्यादा परमाणु बम विस्फोट होते हैं तो धरती का क्लाइमेट सिस्टम भी बिगड़ सकता है. इस संस्था ने बताया था कि अगर अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध में 500 परमाणु बम का इस्तेमाल होता है तो आधे घंटे में ही 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान चली जाएगी. 2 अरब लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच सकते हैं.
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