बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर अमेरिका से आई टिप्पणी, विवेक रामास्वामी ने क्या कहा पढ़िए
Bangladesh Violence: अमेरिका मे राष्ट्रपति पद के पूर्व कैंडिडेट विवेक रामास्वामी ने बांग्लादेश की हिंसा पर चिंता जताई है. उन्होंने हिंदुओं पर हुई हिंसा को आपदा करार दिया है.
Bangladesh Violence: अमेरिकी उद्यमी और पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा पर चिंता जताई. विवेक रामास्वामी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हिंसा गलत है, यह चिंताजनक है, और यह पीड़ित-आधारित कोटा प्रणालियों के लिए एक चेतावनी है.'
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद, बांग्लादेश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद ने दावा किया है कि हसीना सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों पर हमलों की 205 घटनाएं हुई हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की है. मंगलवार को उन्होंने ढाका में स्थित ढाकेश्वरी देवी मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सभी के अधिकार समान हैं. अपने मंगलवार के पोस्ट में रामास्वामी ने बांग्लादेश में कोटा प्रणाली की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक आपदा साबित हुई है.
कट्टरपंथी हिंदुओं को बना रहे निशाना
उन्होंने कहा, '2018 में विरोध प्रदर्शनों के कारण बांग्लादेश ने ज्यादातर कोटा खत्म कर दिए थे, लेकिन पीड़ित-संरक्षकों ने इसका विरोध किया और इस साल कोटा व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया गया. इससे और ज़्यादा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे सरकार गिर गई और प्रधानमंत्री देश छोड़कर भाग गईं. एक बार अराजकता शुरू हो जाए, तो उस पर आसानी से लगाम नहीं लगाई जा सकती. कट्टरपंथी अब हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं.'
The targeted violence against Hindus in Bangladesh is wrong, it's concerning, and it's a cautionary tale for victimhood-laced quota systems. Here's what happened: Bangladesh fought a bloody war for its independence in 1971. Hundreds of thousands of Bangladeshi civilians were…
— Vivek Ramaswamy (@VivekGRamaswamy) August 14, 2024
बांग्लादेश की हिंसा से सीखने की जरूरत
उन्होंने कहा, '1971 में बलात्कार और हिंसा की गलतियों को सुधारने के लिए बनाया गया कोटा संघर्ष अब 2024 में और अधिक बलात्कार और हिंसा की ओर ले जा रहा है. रक्तपात ही पीड़ित होने का अंतिम बिंदु है. बांग्लादेश की हिंसा ने हमें खुद के घर पर सबक लेने के लिए मजबूर किया है.'
बांग्लादेश में हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन
पिछले सप्ताह शनिवार को हजारों हिंदुओं ने अपने मंदिरों, घरों और व्यवसायों पर हो रहे हमलों से सुरक्षा की मांग को लेकर ढाका और चटगांव में विरोध प्रदर्शन किया. हिंदू प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध रखा था. वे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने के आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटें और अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग कर रहे हैं.
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