वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के साथ बैठक करने पर सहमत हो गए हैं. इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन का मंच तैयार हो गया है. प्योंगयांग के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम से बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप और किम अब तक बार- बार एक- दूसरे को नीचा दिखाने वाले बयान देते आ रहे थे.


उत्तर कोरिया आगे और कोई परमाणु या मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा- किम जोंग उन


दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग एउई योंग ने ट्रंप को ब्रीफ करने के बाद व्हाइट हाउस के बाहर कहा कि उन्होंने यह संदेश दिया कि उत्तर कोरियाई शासक किम ने परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति कटिबद्धता जताई है और संकल्प किया है कि उत्तर कोरिया आगे और कोई परमाणु या मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा.’


दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली बैठक


व्हाइट हाउस की प्रवक्ता साराह सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रस्तावित आमने- सामने की बैठक के लिए सहमत हुए. वह तय किए जाने वाले स्थान और समय पर किम जोंग उन से मिलने का आमंत्रण स्वीकार करेंगे. दोनों देशों के बीच महीनों तक चले तनाव के बीच यह घोषणा सामने आई. अगर बैठक होती है तो दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी.


ट्रंप ने एक ट्वीट के जरिए की पुष्टि


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद भी एक ट्वीट के जरिए इस बारे में पुष्टि की और कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण समझौता हासिल होने तक अमेरिकी प्रतिबंध जारी रहेंगे.





उन्होंने ट्वीट किया, ‘किम जोंग उन ने दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधियों के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा की. इसके अलावा इस बारे में भी बात हुई कि इस अवधि में उत्तर कोरिया कोई मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा. बड़ी प्रगति हो रही है, लेकिन किसी समझौते पर पहुंचने तक प्रतिबंध जारी रहेंगे. बैठक की योजना बनाई जा रही है.’


उत्तर कोरिया के शासक ने राष्ट्रपति ट्रंप से जल्द मुलाकात की जताई इच्छा


दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग एउई योंग ने इस हफ्ते उत्तर कोरिया के नेताओं से मिलने गए अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. उन्होंने इस बातचीत के बारे में ट्रंप और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को जानकारी दी. चुंग ने बयान पढ़ते हुए कहा कि उत्तर कोरियाई नेता ने राष्ट्रपति ट्रंप से जल्द से जल्द मिलने की इच्छा जताई है.


उन्होंने उत्तर कोरिया के रुख में आए बदलाव का कारण ट्रंप के नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता के साथ अधिकतम दबाव की उनकी नीति को बताया. उत्तर कोरियाई नेता के साथ अपनी बैठक में चुंग ने कहा कि ट्रंप कोरिया प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.