अमेरिकी प्रोफेसर की US में बसे भारतीयों पर भद्दी टिप्पणी, ब्राह्मण महिलाओं पर भी साधा निशाना
पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की एमी वैक्स ने 8 अप्रैल को अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज़ को यह इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू की क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं.
अमेरिका की पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर का एक आपत्तिजनक बयान सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद बनता दिख रहा है. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अमेरिका में बसे भारतीय पर निशाना साधा है और ब्राह्मण महिलाओं के प्रति भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. इन कमेंट्स को लेकर ही सोशल मीडिया पर हंगामा मचा है. ज्यादातर लोगों ने बयान की आलोचना की है.
पहले जानते हैं कि प्रोफेसर और जानी मानी वकील एमी वैक्स ने कहा क्या है. एमी वैक्स ने 8 अप्रैल को अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज़ को यह इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू की क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. इसमें प्रोफेसर वैक्स कहती हैं कि ग़ैर पश्चिमी लोगों में पश्चिमी लोगों के खिलाफ भारी नाराजगी और शर्म का भाव है और इसका कारण है ‘पश्चिमी लोगों की बेहतरीन उपलब्धियों और शानदार योगदान.’
प्रोफेसर एमी वैक्स ने इंटरव्यू के दौरान एशियाई, दक्षिण एशियाई और भारतीय डॉक्टरों की भी आलोचना की है. प्रोफेसर के मुताबिक ये नस्लवाद के ख़िलाफ़ जारी मुहिम को लेकर मोर्चा संभाले हुए हैं और अमेरिका की आलोचना करते हैं जैसे कि अमेरिका एक नस्लवादी जगह है."
पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर यहीं नहीं रुकती हैं वह ब्राह्मण परिवार पर निशाना साधते हुए कहती हैं कि भारतीय महिलाएं अमेरिका में अच्छी शिक्षा पाती हैं और सफलता हासिल करती हैं लेकिन फिर अमेरिकी की आलोचना करती हैं और अमेरिका में नस्लवाद होने का आरोप लगाती हैं. प्रोफेसर के मुताबिक, “समस्या ये है कि उन्हें ये सिखाया गया है कि वे दूसरों से बेहतर हैं क्योंकि वे ब्राह्मण उच्चकुलीन (परिवार से) हैं."
एमी वैक्स की टिप्पणी पर अलग-अलग राय
सोशल मीडिया पर हालांकि ज्यादातर लोगों ने प्रोफेसर एमीवैक्स के बयान की टिप्पणी की आलोचना की लेकिन कुछ लोगों ने बयान का समर्थन भी किया.
Indian oppressor castes cunningly become the Person of Colour in the US. The Blacks & Native Americans, and to some extents Hispanics, have fought for their rights. Caste Hindus are grabbing those positions that should actually go to Blacks, Hispanics or Native Americans. #AmyWax pic.twitter.com/ReHVNDvwv8
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) April 12, 2022
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखते हैं, " भारत की शोषण करने वाली जातियां चालाकी से अमेरिका में काले लोग बन जाते हैं (और खुद को पीड़ित के रूप में पेश करते हैं). अश्वेतों और मूल अमेरिकियों और कुछ हद तक हिस्पैनिक लोगों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है. सवर्ण हिंदू लोग उन पदों को हथिया रहे हैं जो वास्तव में काले लोगों, हिस्पैनिक्स या मूल अमेरिकियों के पास जाने चाहिए थे."
Hey Amy Wax @pennlaw, some of us Indian American docs @PennMedicine do our part to make America the great healthcare system you describe. So, yeah, we have the right to criticize it too.
— Aseem Shukla (@aseemrshukla) April 12, 2022
“Caste” “Brahmins” “3rd world” “shithole counties”…yup, in 2022!pic.twitter.com/I0rtMNf2l2
असीम शुक्ला ने ट्वीट करके लिखा, "एमी वैक्स, हम में से कुछ भारतीय अमेरिकी डॉक्टर अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत बनाने में अपना योगदान देते हैं. ऐसे में हमें आलोचना करने का भी अधिकार है. शुक्ला पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में ही प्रोफेसर हैं.
यह पहली बार नहीं है जब एमी वैक्स का कोई बयान विवादों में आया हो. इससे पहले उन्होंने अमेरिका में एशियाई लोगों की मौजूदगी और एशिया अप्रवासियों को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका के लिए बेहतर होगा कि अगर अमेरिका में एशियाई आप्रवासियों का आना कम हो जाए.
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