Mount Rainier volcano: वाशिंगटन के वैज्ञानिक इन दिनों बुदबुदाते लावा क्षेत्रों और येलोस्टोन जैसी विशाल सुपरज्वालामुखी से ज्यादा माउंट रेनियर को लेकर चिंतित हैं. वाशिंगटन में समुद्र तल से 4.3 किलोमीटर ऊपर बर्फ से ढकी पहाडियों में माउंट रेनियर स्थित है, जो पिछले 1000 साल से बिल्कुल शांत है और महत्वपूर्ण ज्वालामुखी विस्फोट नहीं हुआ है. इसके बावजूद अमेरिकी वैज्ञानिक इस माउंट रेनियर पर नजर गड़ाकर बैठे हैं. ज्वालामुखी वैज्ञानिक जेस फीनिक्स ने सीएनएन को बताया कि माउंट रेनियर मुझे रात भर जगाए रखता है, क्योंकि यह आसपास के लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा है.


जेस फीनिक्स ने बताया कि इस सोए हुए विशाल ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा से सीधा किसी को हानि नहीं है. लेकिन अमेरिकी भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इससे निकलने वाला लावा हवा के साथ आबादी से दूर पूर्व की तरफ बिखर जाएगा. इस दौरान गर्म लावा के बर्फ पर गिरने से बर्फ पिघलने लगेगी और बड़े-बड़े बर्फ के पहाड़ खिसकने लगेंगे. इससे नीचे की तरफ रहने वाली आबादी तबाह हो सकती है. बर्फ पिघलने के बाद नीचे की तरफ बाढ़ भी आ सकती है. इस खतरे को देखते हुए कई वैज्ञानिक काफी चिंता में हैं. 


साल 1985 में आया था सबसे बड़ा लाहार
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में हजारों लोग रहते हैं. जब यह घटना होती है तो इतनी तेजी से घटती है कि स्थिति संभालना कठिन हो जाता है. ऐसी स्थित को लाहार कहा जाता है, जिसका मलबा काफी तेजी से बढ़ता है. हाल ही में सबसे घातक लाहार साल 1985 में हुआ था. यह कोलंबिया के नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद आया था. ज्वालामुखी फटने के कुछ घंटों में ही पानी, बर्फ और मिट्टी का सैलाब आ गया था, जिससे आर्मेरो शहर तबाह हो गया था. इस घटना में 23 हजार लोग मारे गए थे.


पहले आ चुका है लाहार का खतरा
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर और ज्वालामुखी वैज्ञानिक ब्रैडली पिचर ने बताया कि माउंट रेनियर क्षेत्र में ग्लेशियर और बर्फ की मात्रा नेवाडो डेल रुइज की तुलना में आठ गुना अधिक है. ऐसे में माउंट रेनियर में विस्फोट होने के बाद बहुत अधिक विनाश हो सकता है. भूवैज्ञानिकों को माउंट रेनियर में कम से कम 11 बार बड़े लाहर के सबूत मिले हैं, जो बीते 6,000 वर्षों में हुए हैं. इन्हें पुगेट लोलैंड्स के तौर पर जाना जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस ज्वालामुखी में दोबारा ऐसा करने की क्षमता है, यदि ऐसा हुआ तो बड़ी ताबाही आएगी.


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