अमेरिकी या भारतीयों में से कोविड-19 से मौत का किसे ज्यादा है खौफ? जानिए सर्वे के नतीजे
अब तक भारत में कोरोना वायरस 1.5 लाख लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. क्या भारतीय लोगों को अमेरिकियों की तुलना में कोविड-19 से मरने से ज्यादा डर लगता है? जानिए क्या कहता है ताजा सर्वे.
कोविड-19 महामारी अब तक करीब 2.5 मिलियन लोगों की जान ले चुकी है और लाखों लोगों को दुनिया भर में संक्रमित कर दिया है. ये संख्या आपके रोंगटे खड़े कर सकती है और आप अपनी जिंदगी के बारे में चिंता करने लगते हैं. लेकिन अगर आप अमेरिकी हैं, तो आप उतना ज्यादा नहीं डर सकते. एक रिसर्च से खुलासा हुआ है कि अमेरिकियों को कोविड-19 से मौत का कम खौफ है.
क्या भारतीयों को कोविड-19 की मौत का ज्यादा है डर?
सर्वेक्षण को नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और ओहियो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कर रहे हैं. दिसंबर 2020 से एक हजार अमेरिकियों का रिसर्च के तौर पर मासिक सर्वे किया जाता है, जिससे जनता के कोविड-19 टीकाकरण, उसके जोखिम बोध, नीति वरीयताएं और एहतियाती स्वास्थ्य व्यवहार के प्रति रवैया को समझा जा सके. सर्वे में लोगों से सवाल पूछने का सिलसिला जून 2021 तक जारी रहेगा. सर्वेक्षण के मुताबिक, दिसंबर में अमेरिकियों का मानना था कि अगर उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण होता है, तो उनके पास मरने के तीन अवसरों में से करीब एक है. अब, संक्रमित होने पर मरने के चार अवसरों में से संख्या काफी हद तक गिर कर एक हो गई है.
कोविड-19 और टीकाकरण के बारे में भारतीयों का रवैया
सर्वे के मुताबिक, दिसंबर 2020 में ज्यादातर भारतीय कोविड-19 वैक्सीन लेने के प्रति दुविधा में थे. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल ने एक सर्वे किया था. सर्वे में शामिल 69 फीसद लोगों ने वैक्सीन मुहैया होने पर कोविड-19 वैक्सीन लेने के लिए नहीं पहुंचने की बात कही. अक्तूबर में वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट 61 फीसद जबकि नवंबर में 59 फीसद हिचकिचाहट भारतीय लोगों के बीच पाई गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 से अब तक भारत में 1.5 लाख लोगों की जान चली गई है. कई राज्यों में रोजाना के कोविड-19 मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है, जिससे महामारी की दूसरी लहर की संभावना ने लोगों को जकड़ लिया है. महाराष्ट्र ने एक बार फिर कुछ पाबंदियां कोविड-19 के मामलों में उछाल के बाद लगाई हैं.
आशंका है कि लोगों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर एक बार फिर सरकार लॉकडाउन लगाने का फैसला कर सकती है. इस बीच, विशेषज्ञों का मानना है कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के प्रति लोगों के लापरवाह रवैये से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. इससे सवाल पैदा होता है कि क्या भारतीय बहुत कम चिंतित हैं कि उनकी मौत कोविड-19 से हो सकती है, अमेरिकियों की तरह.
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