'अमेरिका के भारत के साथ संबंध ऐसे नहीं है कि वह अल्टीमेटम दे'
अल्टीमेटम के जैसा व्यवहार नहीं करने का आधिकारिक बयान अमेरिका के भारत को मान्यता देने के एक मजबूत विचार को प्रदर्शित करता है, जिसे लेकर अक्सर मीडिया और कुछ राय निमार्ता विश्व की सबसे बड़े लोकतंत्र को लेकर अपनी रुढ़िवादिता को दिखाते है.
न्यूयॉर्क: विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को इस रूप में नहीं देखता जहां वह अल्टीमेटम दे सकता है. उन्होंने जिक्र किया कि भारत एक लोकतंत्र है जहां नीतियां एक नियत प्रक्रिया से गुजरती हैं.
एक रिपोर्टर द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका ने कश्मीर में सामान्य हालात बहाल करने पर भारत से भरोसे की मांग की है या अल्टीमेटम दिया, इस पर अधिकारी ने कहा, "यह एक ऐसा संबंध नहीं है जहां हम अल्टीमेटम से डील करे. फिर भी मेरा मानना है कि यह एक देश हैं, जहां लोकतंत्र है, जहां इन नीतियों पर वोट किया जाता है, उन पर चर्चा होती है और न्यायपालिका उनकी समीक्षा करती है और इसलिए मैं उस टर्मिनोलॉजी (शब्दावली) का इस्तेमाल नहीं करूंगा."
उन्होंने कहा, "हम मान्यता देते हैं और स्पष्ट रूप से सराहना करते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है, जैसे हम हैं."
अधिकारी ने बुधवार व गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की. यह मीडिया ब्रीफिंग भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व अमेरिकी विदेश मंत्रा माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क इस्पर के साथ हुई 2 प्लस 2 रणनीतिक संवाद के बाद हुई.
अमेरिका कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई और सामान्य आर्थिक गतिविधि व संचार बहाली का स्वागत करेगा.
यह पूछे जाने पर कि 2 प्लस 2 की बैठक के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर चर्चा की गई , अधिकारी ने कहा, "हम भारतीय लोगों के साथ नियमित बातचीत करते हैं, जिसमें मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले मुद्दों के साथ दूसरे मुद्दे भी शामिल होते हैं."
लेकिन अधिकारी ने कहा कि सीएए पर हम सक्रिय राजनीतिक चर्चा और संसद में चर्चा, लोगों के प्रदर्शन, जो उस पर कानून का समर्थन कर रहे हैं और हम पूरी तरह से अवगत है कि वहां एक न्यायिक प्रक्रिया है, जो काम कर रही है.
बता दें कि भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों देशों के हितों के लिए विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई. व्हाइट हाउस स्थित राष्ट्रपति के कार्यालय ओवल ऑफिस में करीब 30 मिनट तक चली. मुलाकात के दौरान ट्रंप ने सितंबर में ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाउडी मोदी कार्यक्रम के दौरान मंच साझा करने के समय को याद किया.
2+2 बैठक के लिए तीन दिवसीय वाशिंगटन के दौरे पर आए जयशंकर ने कहा, ''राष्ट्रपति ट्रंप से बैठक एक शिष्टाचार भेंट थी.'' उन्होंने बताया कि इस दौरान दोनों देशों के विभिन्न मुद्दों पर हुई प्रगति पर चर्चा की गई. जयशंकर ने बताया कि इस दौरान कारोबार पर संक्षिप्त चर्चा हुई.
विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने और राजनाथ सिंह ने 2+2 बैठक के कुछ अहम बिंदुओं से राष्ट्रपति ट्रंप को अवगत कराया. एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति संबंधों को लेकर बहुत सरकारात्मक और संबंधों के विभिन्न पहलुओं को लेकर उत्साहित थे.
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