नई दिल्ली: कोरोना संकट के चलते तल्ख हुए चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में तनाव और गहरा गया है. बढ़ती तल्खी के बीच चीन ने नस्लीय हिंसा का हवाला देते हुए अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया न जाने की सलाह दी है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है.


चीन के संस्कृति मंत्रालय ने नोटिस जारी कर चीनी नागरिकों को फिलहाल ऑस्ट्रेलिया यात्रा न करने को कहा है. साथ ही जो लोग ऑस्ट्रेलिया में हैं उन्हें अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है. कोरोना संकट के बीच दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास और ऑस्ट्रेलिया में चीनी नागरिकों के खिलाफ नस्लीय हिंसा का हवाला देते हुए चीन सरकार ने यह कदम उठाया है.


ऑस्ट्रेलिय ने आरोपों को नकारा


इस बीच ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चीन के इन आरोपों को खारिज किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पर्यटन मंत्री साइमन बर्मिंघम न कहा कि चीन की तरफ से लगाए आरोपों में न कोई तथ्य हैं न आधार है. ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस की रोकथाम में बहुत अच्छा काम किया है. साथ ही अलग-अलग देशों से आने वाले लोगों के स्वागत को भी तैयार है.


दीवारों पर लिखा 'चीन यानि कोरोना'


हालांकि स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस तरह की घटनाएं जरूर सामने आईं जिनमें चीनी मूल के लोगों की कॉलोनियों के बाहर दीवार पर चीन यानि कोरोना लिखा मिला. मगर इस तरह की नाराजगी जताने वाले और नस्ल के आधार पर व्यवहार के मामले न तो कोई नया मामला है और न ही चीन के प्रति लक्षित. इस तरह की शिकायतें इंडोनेशिया, मलेशिया समेत एशियाई मूल के कई नागरिकों के साथ भी पेश आए हैं.


व्यापारिक रिश्तों में भी आई तल्खी


इतना जरूर है कि ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्तों में बीते कुछ दिनों के दौरान काफी खटास आई है. चीन ने ऑस्ट्रेलिया की चार बड़ी मांस उत्पादक कंपनियों से आयात पर रोक लगा दी. साथ ही कई कृषि उत्पादों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया. दोनों देशों के बीच 200 बिलियन डॉलर के कारोबार पर भी रिश्तों के तनाव से असर लाजिमी है.


ऑस्ट्रेलिया ने उठाए थे सवाल


ध्यान रहे कि ऑस्ट्रेलिय उन मुल्कों में शामिल है जिन्होंने सबसे पहले चीन के कोरोना वायरस प्रबंधन पर सवाल उठाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस संक्रमण और विश्व स्वास्थ्य संगठन के कामकाज के स्वतंत्र व निष्पक्ष आकलन की भी मुखर मांग उठाई थी. इस मामले का बीते दिनों हुई विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी देशों समेत कई मुल्कों ने समर्थन किया था.


ये भी पढ़ें


चीन पर नरम हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, कहा- दुनिया और चीन के साथ मिलकर काम करेंगे

कोरोना का कहर: दुनियाभर में 68 लाख लोग संक्रमित हुए, अबतक करीब 4 लाख लोग मरे