लेबनान: लोगों के भारी जनाक्रोश के बीच सरकार को वक्त से पहले चुनाव संबंधी बिल लाने की घोषणा करनी पड़ी है. शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक पार्टियों से मतभेद भुलाकर एक साथ काम करने की अपील की.
हसन दियाब ने कहा, “मैं दो महीनों तक पद पर रहने को तैयार हूं. इस दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों से आग्रह है कि ढांचागत सुधारों को लागू करने के लिए एक साथ मिलकर काम करें.” आपको बता दें कि शनिवार को सुरक्षा बलों ने आक्रोशित प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे. शहीद स्कवायर पर इकट्ठा हुई लोगों की भीड़ से सुरक्षा बलों की भिड़ंत हो गई थी. गुस्साए लोगों ने संसद के बाहर डेरा जमाकर रास्ते को घेर लिया. बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद की तरफ जा रहे एक ट्रक को आग के हवाले कर दिया.
जनाक्रोश के आगे सरकार झुकी
रेड क्रॉस के मुताबिक पुलिस के साथ झड़प में कम से कम चार लोग घायल हुए थे. प्रदर्शन का आह्वान करनेवाले कार्यकर्ताओं ने उन नेताओं के पुतले को विरोध संकेत के रूप में फांसी पर लटकाया जिनकी लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते लेबनान को भयानक स्थिति का सामना करना पड़ा. भ्रष्ट और लापरवाह नेताओं के खिलाफ लोगों के गुस्से का अंदाजा प्रदर्शनकारियों के तेवर को देखकर लगाया जा सकता है. एक बैनर पर लिखा हुआ था, “इस्तीफा या फांसी’’ की मांग की.
वक्त से पहले चुनावी बिल का किया ऐलान
बेरूत गवर्नर के मुताबिक, विस्फोट से लेबनान को 10-15 बिलियन डॉलर के नुकसान होने की आशंका है. विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है करीब 6200 इमारतें धराशायी हो गईं. जिसके चलते हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा. मंगलवार को हुए विस्फोट में अबतक 160 लोगों की मौत और करीब 5 हजार लोग घायल हो गए हैं. आरोप है कि बंदरगाह पर केमिकल का जखीरा छह सालों तक बिना किसी सुरक्षा के पड़ा रहा. विस्फोट की चिंगारी सुलगने से पहले अमोनियम नाइट्रेट ने तेल में घी का काम किया.