नई दिल्ली: चीनी दूतावास ने कहा कि चीन और भारत को व्यापार संरक्षणवाद से मुकाबले के लिए अपना सहयोग मजबूत करने की जरूरत है. चीन ने अमेरिका पर एकतरफा पहल के जरिए व्यापार युद्ध भड़काने का आरोप लगाया. दूतावास के प्रवक्ता, जी रोंग ने कहा, "दो बड़े विकासशील देश और बड़े उभरते बाजार होने के नाते चीन और भारत दोनों सुधार और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चरण में हैं."


जी अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध से जुड़े मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा और 'मुक्त व्यापार' के नाम पर एकतरफा व्यापार संरक्षणवाद को बढ़ावा देने से न केवल चीन का आर्थिक विकास प्रभावित होगा, बल्कि यह भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में भी अड़चन पैदा करेगा." उन्होंने कहा, "चीन और भारत बहुध्रुवीय व्यापार प्रणाली (मल्टीलैटरल बिजनेस सिस्टम) और मुक्त व्यापार (फ्री ट्रेड) की रक्षा के लिए समान हित साझा करते हैं."


वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच सितंबर में व्यापार युद्ध में तेजी देखी गई थी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से होने वाले आयातों पर 200 अरब डॉलर टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में बीजिंग ने भी अमेरिकी आयात पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लगाया था. जी ने कहा, "मौजूदा परिस्थितियों के अंतर्गत, चीन और भारत को व्यापार संरक्षणवाद के विरुद्ध मुकाबले के लिए सहयोग बढ़ाने की जरूरत है."


ट्रंप ने दुनिया के साथ छेड़ा है व्यापार युद्ध
आपको बता दें कि दुनिया के बड़े देशों के बीच ट्रेड वॉर यानी व्यापारिक युद्ध छिड़ा हुआ है. दरअसल ये हालात इसलिए पैदा हुए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा लगता है कि दुनिया के बड़े देश व्यापार के मामले में अमेरिका के साथ गलत कर रहे हैं.


चीन पर पड़ी है सबसे बड़ी मार
अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत ट्रंप ने इसे ठीक करने का फैसला लिया. ये उनके चुनावी कैंपेन का भी हिस्सा था. ट्रंप ने इसकी शुरुआत चीन से की जिसके कई उत्पादों पर उन्होंने भारी शुल्क लगा दिया जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं. अमेरिका अब तक चीन पर कुल 450 बिलियन डॉलर का शुल्क लगा चुका है.


ट्रंप का ये ट्रेड वॉर अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंदी चीन तक ही नहीं रुका बल्कि G7 के दौरान इसने कनाडा और यूरोप जैसे अमेरिका के मित्र देशों को भी अपना शिकार बनाया. भारत के खिलाफ अमेरिका मार्च महीने में ही कदम उठा चुका है, इसी के जावब में भारत ने अमेरिका के 29 प्रोडक्सट्स पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है.


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