नाराज़ अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से वापस बुलाए अपने सभी राजनयिक
पाकिस्तान में अफ़ग़ान राजदूत की बेटी के अफरनकी वारदात के बाद अफगानिस्तान ने अपने राजदूत समेत सभी वरिष्ठ राजनयिकों को वापस काबुल बुला लिया है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान में अफ़ग़ान राजदूत की बेटी के अफरनकी वारदात ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का पारा काफी बढ़ा दिया है. पाकिस्तानी कार्रवाई से असंतुष्ट अफगानिस्तान ने अपने राजदूत समेत सभी वरिष्ठ राजनयिकों को वापस काबुल बुला लिया है.
अफगान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति अशरफ गनी के आदेश पर पाकिस्तान में तैनात सभी राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है. पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताएं दूर किए जाने और अफ़ग़ान राजदूत की बेटी के अपहरण जैसी वारदात को अंजाम देने वालों की गिरफ्तारी तक सभी अफ़ग़ानी राजनयिक अपने मुल्क में ही रहेंगे.
अफगानिस्तान अपना विशेष दल भेजेगा पाकिस्तान
इतना ही नहीं अफगानिस्तान अपना एक विशेष दल भी पाकिस्तान भेजेगा जो सुरक्षा हालात का आकलन करेगा. अफ़ग़ानिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान से अफ़ग़ान दल के लौटने के बाद ही आगे का कदम तय किया जाएगा.
इस बीच रविवार को पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने एक प्रेस कांफ्रेस कर दावा किया कि अधिकतम 72 घण्टे में इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. वहीं उन्होंने जो जानकारियां साझा की उनमें यह दिखाने की कोशिश ज़्यादा नज़र आई कि अफ़ग़ान राजदूत की बेटी सिलसिला अलिखिल अपनी इच्छा से टैक्सी बदल इस्लामाबाद से रावलपिंडी शॉपिंग करने गईं और फिर वापस लौटी.
अफगानिस्तान दूतावास को शिकायत दर्ज करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी
रशीद ने सीसीटीवी फुटेज और टैक्सी ड्राइवरों से मिले बयानों को आधार बताते हुए इस तरह के दावे किए. हालांकि फ़िलहाल जांच एजेंसियों के पास उनके सिलसिला अलिखिल के रावलपिंडी के शॉपिंग मॉल से इस्लामाबाद के दामन-ए-कोह तक आने का कोई सीसीटीवी फुटेज उनके पास फिलहाल नहीं है.
ज़ाहिर है जिस तरह अफगानिस्तान दूतावास को शिकायत दर्ज करने के लिए रात दो बजे मशक्कत करनी पड़ी उससे साफ है कि पाकिस्तान में अफगानी राजनयिकों को अपनी और परिवारजनों के हिफाजत की फिक्र सता रही थी.
संयोग है कि यह वाकया ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान का करीबी मित्र मुल्क चीन भी खैबर पख्तूनख्वा इलाके में बस धमाके के दौरान अपने 10 नागरिकों की मौत को लेकर नाराज़ और फिक्रमंद है. चीन ने इस मामले की पड़ताल के लिए बाकायदा अपनी एक टीम भी पाकिस्तान भेजी गई. इस टीम को कोहिस्तान इलाके में उस जगह ले जाया गया जहां 14 जुलाई को यह वारदात हुई थी. हालांकि इस घटना को भी पाक सरकार ने सिलसिले में सड़क हादसा दिखाने की कोशिश की थी.
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