Denmark Cow Tax: डेनमार्क ने साल 2030 से पशुधन किसानों पर उनकी गायों, भेड़ों और सुअरों से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसों के लिए कर लगाने का फैसला किया है. ऐसा करने वाला डेनमार्क पहला देश होगा, जो पशुओं से कार्बन टैक्स वसूलेगा.
दरअसल, डेनमार्क एक प्रमुख डेयरी और पोर्क निर्यातक है. देश के उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत कृषि है. टेक्टेशन मिनिस्टर जेप्पे ब्रुस ने कहा कि डेनमार्क सरकार का लक्ष्य 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 1990 के स्तर से 70% तक कम करना है.
32 फीसदी है मीथेन उत्सर्जन में पशुधन का योगदान
अमेरिकी राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार, मीथेन कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में कम चर्चित है, जो 20 वर्ष की अवधि में लगभग 87 गुना अधिक ऊष्मा सोखती है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन में पशुधन का योगदान लगभग 32 फीसदी है.
क्या कहता हैं शोधकर्ता
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पशुओं के पेट फूलने और पृथ्वी की जलवायु के बीच संबंधों की जांच करने के लिए आश्चर्यजनक मात्रा में प्रयास किया है. डेनमार्क के एक ग्रीन थिंक टैंक कॉन्सिटो के अनुसार, डेनिश डेयरी गायें, जो मवेशियों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं, प्रति वर्ष 5.6 टन CO2-समतुल्य उत्सर्जन करती हैं.
200 किलोग्राम तक मीथेन गैस उत्पन्न कर सकती है एक गाय
एक गाय प्रतिवर्ष 200 किलोग्राम तक मीथेन गैस उत्पन्न कर सकती है, जो मुख्य रूप से डकार के माध्यम से उत्पन्न होती है. इसके अलावा कुछ गैस गोबर के माध्यम से भी उत्पन्न होती है. एक सामान्य डेनिश गाय प्रति वर्ष 6 मीट्रिक टन (6.6 टन) CO2 समतुल्य उत्सर्जन करती है.
कितना लगेगा टैक्स?
टैक्स 2030 से पशुधन से प्रति टन (1.1 टन) CO2-समतुल्य उत्सर्जन के लिए 300 क्रोन (43 डॉलर) होगा. जो 2035 में बढ़कर 750 क्रोन (107 डॉलर) हो जाएगा. 60 फीसदी कर छूट लागू होगी, जिसका अर्थ है कि किसानों को 2030 से प्रति वर्ष पशुधन उत्सर्जन के प्रति टन 120 क्रोन (17 डॉलर) का टैक्स देना होगा, जो 2035 में बढ़कर 300 क्रोन (43 डॉलर) हो जाएगा.
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