Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी पर भी तालिबान का ‘कब्जा’, आज होगा देश में सरकार का एलान
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद आज तालिबान मुल्क में अपनी हुकूमत का आधिकारिक एलान करेगा. मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को तालिबान की सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है.
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद आज देश में तालिबान की सरकार का आधिकारिक एलान होगा. इस बीच सरकार में हिस्सेदारी को लेकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया. नई सरकार में बराबर की हिस्सेदारी को लेकर काबुल में महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से बताया कि पंजशीर घाटी पर भी तालिबान का कब्जो हो चुका है. ये वो इलाका था जो अब तक तालिबान के नियंत्रण से बाहर था. वहीं पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वे यहां अपनी मिट्टी के साथ, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हैं.
बता दें कि सरकार के गठन से संबंधी घोषणा शुक्रवार को की जानी थी लेकिन तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को एक दिन के लिए टाल दिया गया. मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा शनिवार को की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं.
तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है. तालिबान के सूचना एवं सांस्कृतिक आयोग में वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, “ नई सरकार पर सलाह-मशविरा करीब-करीब पूरा हो चुका है और कैबिनेट को लेकर भी जरूरी चर्चा कर ली गई है.
ईरान में, सर्वोच्च नेता देश का सर्वोच्च राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी है. उसका दर्जा राष्ट्रपति से ऊंचा होता है और वह सेना, सरकार और न्यायपालिका के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. सर्वोच्च नेता का देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में निर्णय अंतिम होता है. उन्होंने कहा, “मुल्ला अखुनजादा सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए.” उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति उनकी देखरेख में काम करेंगे.
मुल्ला अखुनजादा तालिबान के शीर्ष धार्मिक नेता हैं और वह 15 साल तक बलूचिस्तान प्रांत के कछलाक इलाके में एक मस्जिद में कार्यरत रहे हैं. समांगनी ने कहा कि नए सरकारी ढांचे के तहत प्रांत गवर्नरों के जिम्मे होंगे जबकि जिला गवर्नर अपने-अपने जिलों की जिम्मेदारी संभालेंगे. तालिबान प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडरों की पहले ही नियुक्ति कर चुका है. उन्होंने कहा कि नई शासन प्रणाली के नाम, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
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