Russia- Ukraine War: फीफा फुटबॉल विश्व कप का फाइनल रविवार (18 दिसंबर) को दोहा (Doha) में खेला जाएगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति (President) वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने फीफा विश्व फुटबॉल कमेटी से एक गुजारिश की थी. उनकी गुजारिश को फुटबॉल कमेटी ने ठुकरा दिया है. जेलेंस्की ने कहा था कि वह विश्व कप फाइनल से पहले उस मंच से शांति का मैसेज दुनिया को देना चाहते हैं.



राष्ट्रपति के कार्यालय के भीतर के एक स्रोत ने अमेरिकी चैनल सीएनएन को कहा कि जेलेंस्की फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच खेले जाने वाले मैच से पहले वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़ना चाहते थे. उनका यह भी कहना है, कतर की प्रतिक्रिया काफी निराशाजनक रही. सूत्र ने सीएनएन को बताया, "हमें लगा की फीफा अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए करने देगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

मदद की गुहार लगाने का था सुनहरा अवसर


विश्व कप के फाइनल को दुनिया भर में करोड़ों लोग देखेंगे और यूक्रेन को उम्मीद थी कि वैश्विक समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने और रूस के लगातार हमले के मद्देनजर देश को वैश्विक मदद के लिए गुहार लगाने का सुनहरा अवसर मिलेगा. हालांकि, फीफा ने अपने आयोजन में राजनीतिक संदेशों के खिलाफ नियम बनाए हैं. विश्व कप में मानवाधिकारों और एलजीबीटी समुदायों के समर्थन जैसे मुद्दों पर बोलने पर भाग लेने वाले देशों पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई है. हालांकि, मोरक्को की टीम ने फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जताते हुए अपनी जीत पर फिलिस्तीन का झंडा फहराया था. 

70 से ज्यादा मिसाइल दागी


रूस ने शुक्रवार शाम यूक्रेन पर करीब 70 से ज्यादा मिसाइलें दागी थीं. पूरे शहर में पानी और बिजली की समस्या हो गई थी. कीव के मेयर ने कहा कि शहर के कई मेट्रो को भी बंद कर दिया गया था. हमले के बाद शहर के कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं.