India-China Tension: चीन का एक और झूठ, अब्दुल रऊफ को नहीं किया ब्लैकलिस्ट, आतंकवाद पर कही ये बात
Indo-China Tension: 12 अगस्त को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया था.
India-China: भारत (India) और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव जारी है. जिसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर भी दिखाई दे रहा है. चीन ने एक बार फिर अपना दोहरा चरित्र दिखाया है. जब चीन (China) ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट (Black List) में डालने के अमेरिका (America) और भारत (India) के प्रस्ताव को बाधित किया. ठीक उसी तरह जैसे- चीनी (China) लड़ाकू जेट पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय फोर्स (Indian Forces) को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. इस घटना का जिक्र भारत-चीन सैन्य बातचीत में भी उठ चुका है, लेकिन चीन मानने को तैयार नही.
दरअसल, एलएसी के पास सैन्य-वायु सेना की गतिविधि की रिपोर्ट पर भारत में चीनी राजदूत सुन वेडोंग ने कहा, 'भारत और चीन के बीच हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार बॉर्डर पर सभी गतिविधियों का संचालन करता है. मुझे किसी मूवमेंट की कोई विशेष जानकारी नहीं है. बॉर्डर पर स्थिति फिलहाल स्थिर है. दूसरी तरफ आतंकवाद को खत्म करने की बात करने वाला आतंकियों का समर्थन करता दिखाई दे रहा है. दिल्ली में जब चीनी राजदूत सुन वेडोंग से UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'चीन को आतंकवादी के डेजिग्नेशन पर अप्लीकेशन का सावधानीपूर्वक स्टडी करने के लिए और समय चाहिए.
UNSC में दिखा चीन का दोहरा चरित्र
बता दें कि 12 अगस्त को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया था. चीन कहा, उसे अप्लीकेशन की स्टडी करने के लिए और वक्त चाहिए. ठीक यही राग चीनी राजदत ने नई दिल्ली में अलापा. हालांकि, सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 14 सदस्य देशों ने इस भारत और अमेरिका के इस प्रस्ताव का समर्थन किया था.
'चीन की हरकतों से भारत के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा'
वहीं, भारत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 12 अगस्त को कहा, भारत लगातार अपने इस रुख पर कायम है कि अगर चीन ने सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग की, तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा. विदेश मंत्री ने कहा था कि 'कमांडर स्तर पर हमारी 15 दौर की बातचीत हुई है. दोनों पक्षों के उन स्थानों से पीछे हटने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जहां वे बहुत करीब हैं.' विदेश मंत्री ने कहा था कि बॉर्डर की स्थिति एक बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि सेना पिछली 2 सर्दियों से वहां डटी हुई है. विदेश मंत्री आग बताया कि 'ये बहुत तनावपूर्ण स्थिति है और यह एक खतरनाक स्थिति भी हो सकती है इसलिए हम बातचीत कर रहे हैं.
चीनी लड़ाकू विमान LAC के पास भरते है उड़ान
बता दे कि चीनी (China) लड़ाकू विमान जे-11 (Chinese Fighter Plane) एलएसी (LAC) के करीब उड़ान भरते रहते हैं. बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में इस इलाके में करीब 10 किलोमीटर के सीबीएम लाइन के उल्लंघन के कई मामले सामने आये. जिसका भारतीय वायु सेना ने जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. जिसके लिए मिग-29 और मिराज 2000 जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों को आसपास ठिकानों पर तैनात किया.
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