Antarctica Ice Melt: सावधान! 19 लाख SQ KM से ज्यादा पिघल गई अंटार्कटिका की बर्फ, जानें क्यों है खतरा?
Antarctica Sea: साल 1979 से सैटेलाइट के जरिए अंटार्कटिका की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इससे पहले सबसे ज्यादा बर्फ साल 2022 में 18 फरवरी से 3 मार्च के बीच पिघली थी.

Antarctica Ice Melt: हाल ही में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर (NSIDC) के मुताबिक 13 फरवरी को अंटार्कटिका में 19.1 लाख वर्ग किलोमीटर बर्फ पिघल गई है. जानकारी के अनुसार, 2022 में 25 फरवरी को इससे ज्यादा 19.2 लाख वर्ग किमी बर्फ पिघल गई थी. अंटार्कटिका को धरती का सबसे ठंडा इलाका कहा जाता है. इसका 99 परसेंट हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है.
अंटार्कटिका की बर्फ अब तेजी से पिघल रही है. डेटा सेंटर की जानकारी के मुताबिक ये लगातार दूसरा साल है जब एक ही दिन में अंटार्कटिका की 19 लाख किमी तक बर्फ पिघल चुकी है. इससे पहले सबसे ज्यादा बर्फ साल 2022 में 18 फरवरी से 3 मार्च के बीच पिघली थी, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल पिछले साल के रिकॉर्ड भी टूट सकते है.
ग्लोबल वार्मिंग भी हो सकती है वजह
साल 1979 से सैटेलाइट के जरिए अंटार्कटिका की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. जानकारी के अनुसार पिछले कुछ सालों में गर्मियों का मौसम तेजी से बढ़ने के कारण बर्फ पिघलती नजर आ रही है. हालांकि डेटा सेंटर के वैज्ञानिकों के अनुसार अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने का सबसे बड़ा कारण सिर्फ क्लाइमेट ही नहीं है. उनके अनुसार ग्लोबल वार्मिंग भी इसकी वजह हो सकती है.
4 करोड़ सालों से बर्फ की चादर से है ढका
वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंता में है कि बढ़ती हुई गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघल रहा है. जिसकी वजह से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है, जिसके कारण समुद्र का खारापन भी कम होगा. गर्म हवाओं की वजह से बर्फ तेजी से पिघल रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल इस साल गर्म हवाओं का तापमान 1.5 डिग्री ज्यादा रहा है. अंटार्कटिका 4 करोड़ सालों से बर्फ की चादर से ढका हुआ है. लगभग 18 हजार साल पहले पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा बर्फ से ढंका था, लेकिन अब 1/10 हिस्सा ही बर्फीले है.
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