आर्थिक संकट से दो-चार हो रहे श्रीलंका में सरकार के खिलाफ सोमवार रात तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इस बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास की ओर बढ़ते देखा गया. फिलहाल श्रीलंका में लगा 36 घंटे का कर्फ्यू सोमवार को हटा लिया गया है. जिसके बाद लोगों को सड़कों पर उतर सरकार विरोधी नारे लगाते देखा जा रहा है.


राजधानी कोलंबो शहर के गाले रोड पर सोमवार को बड़ी संख्या में कारों और अन्य वाहनों में सवार लोगों को प्रदर्शनकारियों के समर्थन में एक स्वर में हॉर्न बजाते देखा गया. इस बीच सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन तेज होते नजर आए और लोगों को देश की सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखा गया.


खबरों के अनुसार आर्थिक संकट से परेशान प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास की ओर जाने से रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया गया है. कोलंबो में फॉल्स रोड पर वीवीआईपी इलाके की ओर बैरिकेड्स देखे गए हैं. फिलहाल श्रीलंका के कई हिस्सों में लगातार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. 


बताया जा रहा है कि स्थानीय निवासियों के जबरदस्त प्रदर्शन के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति ने संकट के इस दौर में अगले कदम को लेकर सत्ताधारी पार्टी के सांसदों के साथ अहम बैठक बुलाई. फिलहाल प्रदर्शनकारी राजपक्षे सरकार का विरोध कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.


वहीं राष्ट्रपति की बैठक के बाद श्रीलंका में एसएलपीपी के महासचिव, सागर करियावासम ने बताया कि 'सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और बैठक में हमने अपनी राय को उनके सामने रखा है. हमारे पास बहुमत है इसलिए राष्ट्रपति राजपक्षे इस्तीफा नहीं देंगे. 


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