मीट खाने वाले पुरुषों के साथ यौन संबंध न बनाने की अपील, जानिए क्या है पूरा मामला
PETA ने पुरुषों को मीट खाने से रोकने का एक नायाब तरीका सोचा है. पुरुषों को शाकाहारी बनाने के लिए पशु कल्याण संगठन ने महिलाओं से अपील की है कि मांस खाने वाले पुरुषों के खिलाफ 'सेक्स स्ट्राइक' पर जाएं.
'सेक्स स्ट्राइक' का जिक्र सबसे पहले प्राचीन यूनानी नाटककार अरिस्टोफेन्स ने 411 ईसा पूर्व में लिखे गए एक नाटक लिसिस्ट्राटा में किया है. इस नाटक में, महिला कैरेक्टर अपनी बात मनवाने के लिए पति के साथ संबंध से मना करती नजर आती है.'
लगभग 2,000 साल बाद, 1530 के दशक में, निकारागुआ की महिलाओं ने भी इस रणनीति का इस्तेमाल किया था.उनकी मांग स्पेनिश दास व्यापार को रोकना था.
दरअसल हाल ही में जर्मनी में पशु कल्याण संगठन PETA ने वहां की महिलाओं से अपील की है कि मांसाहारी पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने से इनकार कर दें. वो 'सेक्स स्ट्राइक' पर चलीं जाएं.
पशु कल्याण संगठन PETA (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) ने कहा कि महिलाओं को धरती बचाने के लिए मीट खाने वाले पुरुषों के साथ सेक्स करने से मना कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादा मांस खाने वाले पुरुष ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. वहीं मांसाहारी पुरुषों पर 'सेक्स स्ट्राइक' के आह्वान ने जर्मनी में आक्रोश पैदा कर दिया है.
PETA ने पुरुषों को मीट खाने से रोकने का एक नायाब तरीका सोचा है. पुरुषों को शाकाहारी बनाने के लिए पशु कल्याण संगठन ने महिलाओं से अपील की है कि मांस खाने वाले पुरुषों के खिलाफ सेक्स स्ट्राइक पर जाएं. अगर महिलाएं ऐसा करती हैं तो पुरुष मीट छोड़ने पर मजबूर हो सकते हैं. नाटक में उन महिला कैरेक्टर को तब तक सेक्स स्ट्राइक पर जाने के लिए कहा जाता है जब तक उनके पति पेलोपोनेसियन युद्ध के शांतिपूर्ण अंत के लिए बातचीत करने को नहीं तैयार हो जाते.
द टेलीग्राफ के अनुसार, PETA ने कहा कि सेक्स स्ट्राइक 'दुनिया को बचाने' और ' टॉक्सिक मसकुलैनिटी' को समाप्त करने में मदद कर सकती है. दरअसल PETA की जर्मन ब्रांच के प्लॉस वन पत्रिका में पिछले साल प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया कि, "पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा मांस खाते हैं."
रिसर्च में कहा गया कि मांस खाने वाले लोग ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान करते हैं, ऐसे में महिला की तुलना में पुरुष वातावरण को 41 प्रतिशत ज्यादा प्रदूषित करते हैं. PETA ने इसी कारण का हवाला देते हुए कहा कि लोगों का बच्चे पैदा करने पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है. हम प्रति बच्चा 58.06 टन कार्बन उत्सर्जन बचा सकते हैं. साथ ही 'पेटा' ने धरती को तापमान बढ़ने से बचाने के लिए मीट पर 41 फीसदी टैक्स लगाने की भी मांग की है.
वहीं पेटा की इस अपील का जर्मनी के कुछ राजनेताओं ने विरोध किया है. PETA के इस फैसले पर AbP न्यूज से बात करते हुए पटना के बोरिंग रोड स्थित पशु कल्याण संगठन की कर्मचारी शालिनी कहती हैं कि 'सेक्स स्ट्राइक' बेवकूफी है और मांस खाने वालों के खिलाफ सेक्स स्ट्राइक के बजाय बांटने वाली विचारधाराओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. हमें किसी भी बात को समझाना है तो पहले तथ्य पेश करना चाहिए. अपनी बात मनवाने के लिए इस तरह का कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए.
दिल्ली के मयूर विहार में मीट शॉप के मालिक अब्दुल ने PETA के इस बयान पर कहा कि , 'इस फैसले के बाद मैं स्तब्ध हूं. मेरी मीट की दुकान है. यहां आमतौर पर पुरुष और महिलाएं दोनों ही मीट खरीदने आते हैं. कभी कभी तो ऐसा दिन भी गुजरता है जब पुरुषों से ज्यादा महिलाएं मेरी दुकान पर आती हैं. खास बात यह है कि मांस खाने के कारण कोई पत्नी सेक्स करने से मना करती है तो ये घर में अशांति की वजह बन सकता है.
लाइबेरिया के लेमाह गोबी ने की थी महिलाओं से सेक्स स्ट्राइक की अपील
आधुनिक युग की बात करें तो सेक्स स्ट्राइक दुनिया भर में एक लोकप्रिय अवधारणा साबित हुई है, जिसमें लाइबेरिया के लेमाह गोबी द्वारा 2003 में प्रसिद्ध प्रयास भी शामिल है, जिन्होंने महिलाओं को अपने देश के क्रूर गृहयुद्ध को समाप्त करने के लिए सेक्स स्ट्राइक अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया.
उनकी रणनीति यह थी कि महिलाओं को अपने पति से सेक्स करने से रोका जाए जिससे कि उनके पति युद्ध समाप्त कर दें. लेमाह गोबी को उनके काम के लिए 2011 में नोबेल शांति पुरस्कार भी मिल चुका है.
उन्होंने 2012 में हफ़िंगटन पोस्ट को बताया था, "सेक्स को लेकर कई लोग कहेंगे कि ये एक वर्जित विषय है, लेकिन जब कोई इसे जनता के ध्यान में लाने की हिम्मत करता है, तो इसके कई तरह के परिणाम होते हैं. लोग सवाल करते हैं कि कोई व्यक्ति किसी मुद्दे को उजागर करने के लिए सेक्स का उपयोग क्यों कर रहा है. हालांकि सेक्स स्ट्राइक पुरुषों को सोचने पर मजबूर कर देता है ... लाइबेरिया के गृह युद्ध में जब मैंने सेक्स स्ट्राइक के लिए महिलाओं को प्रेरित किया तो इसका परिणाम ये हुआ कि पुरुष बातें करने लगे कि 'यह युद्ध गलत है'..
केन्या में सेक्स स्ट्राइक
लाइबेरिया के अलावा 2009 में केन्या में भी महिलाओं ने सरकारी घुसपैठ के विरोध में सेक्स स्ट्राइक किया था. कार्यकर्ताओं ने सरकारी घुसपैठ के विरोध में एक सप्ताह तक चल 'यौन प्रतिबंध' यानी सेक्स स्ट्राइक किया. केन्या की महिलाओं ने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की पत्नियों को भी सेक्स स्ट्राइक में शामिल होने की अपील की थी.
इसके अलावा, 2017 में, केन्याई सांसद ने महिलाओं से अपने पतियों के साथ तब तक यौन संबंध बनाने से रोकने के लिए कहा, जब तक कि वे मतदान के लिए पंजीकृत नहीं होते हैं.
2008 में यह विचार ने यूरोप में भी फैला
2008 में, इस विचार ने यूरोप में जगह बनाई जब इटली के दक्षिण पश्चिमी तट पर स्थित नेपल्स की खाड़ी में सैकड़ों महिलाओं ने अपने सहयोगियों के साथ यौन संबंध बनाने से मना कर दिया. उनकी मांग थी कि उनके पार्टनर्स नए साल की पूर्व संध्या पर खतरनाक और अवैध आतिशबाजी करना बंद करें.
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