डेंजर जोन में पहुंचे लाहौर और कराची! पाकिस्तान की इस हालत का जिम्मेदार कौन
Pakistan AQI At Danger Level: पड़ोसी देश पाकिस्तान के दो प्रमुख शहर लाहौर और कराची दोनों गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं. लाहौर 354 AQI के साथ दुनिया का सबसे प्रदुषित शहर बन गया है.
Pakistan AQI At Danger Level: पाकिस्तान के दो प्रमुख शहर कराची और लाहौर काफी मात्रा में प्रदुषित हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रैंकिंग के अनुसार, कराची और पाकिस्तान दुनिया के दो सबसे ज्यादा प्रदुषित शहर हैं.
पड़ोसी देश पाकिस्तान के दो प्रमुख शहर लाहौर और कराची दोनों गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं. लाहौर 354 AQI के साथ दुनिया का सबसे प्रदुषित शहर है, जो लोगों के हेल्थ के लिए एक बड़ा खतरा है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 11 मिलियन से ज्यादा आबादी वाला यह शहर लंबे समय से हवा की खराब क्वालिटी से परेशान है. हवा के खराब होने का मुख्य कारण वाहनों और इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं और फसलों का जलाना है.
लाखों के लोग प्रदुषण की चपेट में
विशेष रुप से ठंडी में हवा की क्वालिटी ज्यादा खराब हो जाती है. इससे लोगों को अस्थमा और फेफड़ों की अन्य बीमारियों सहित गंभीर श्वसन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पिछले महीने स्मॉग के कारण 18,86,586 लोग बीमार पड़ गए हैं, जिनमें से 1,29,229 लोग श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. वहीं स्मॉग के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं, सीने में दर्द या स्ट्रोक के डेली 69,399 से अधिक मरीज़ सामने आए हैं. इसके साथ ही 61,00,153 लोगों में कार्डियोथोरेसिक कंडिशन का कारण लगाया गया है.
वायु प्रदुषण के बढ़ने का मुख्य कारण
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर कराची 164 AQI के साथ सूची में 13वें स्थान पर है. यह हवा के खराब क्वालिटी में आता है. यहां के हवा के खराब होने का मुख्य का कारण व्यस्त बंदरगाह, भारी यातायात और इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं है. दोनों शहरों के के हवा की क्वालिटी पर्यावरण और हेल्थ दोनों के लिए खतरा है. हालांकि वायु प्रदुषण को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद कराची की वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. हवा के खराब क्वालिटी से पहले से किसी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा है.
गैर-सरकारी पर्यावरण संगठन, क्लाइमेट एक्शन सेंटर (सीएसी) के निदेशक यासिर हुसैन ने इन शहरों में प्रदूषण के लिए पेट्रोल और डीजल वाहनों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार माना. यासिर के अनुसार, पेट्रोल और डीजल वाहन कराची में 60 और लाहौर में 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है.
इसके साथ ही पाकिस्तान में सर्दियों के मौसम में खसरे के प्रभाव ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं बढ़ा दी है. बहती नाक, बुखार, खांसी, लाल आंखें और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षणों वाला खसरा कमजोर बच्चों के लिए घातक हो सकता है. खासकर वैसे बच्चें जो कुपोषित हैं. डॉक्टरों ने लोगों को आगाह किया है कि अत्यधिक संक्रामक बीमारी एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलती है. इसलिए बच्चों को इस संक्रामक बीमारी से बचाने के लिए नौ महीने से डेढ़ साल की उम्र के बीच खसरे का टीका लगाया जाए.
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