Argentina Economy: अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति जेवियर मिलई ने ली पद की शपथ, देश को किया आगाह, बोले- आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लेने होंगे कड़े फैसले
देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. अर्जेंटीना में फिलहाल महंगाई दर 143 प्रतिशत बढ़ी हुई है, लेकिन अगर सही दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो ये 15000 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
Argentina Economic Crisis: अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति और अर्थशास्त्री जेवियर मिलई ने पद की शपथ ली और अपने पहले भाषण में उन्होंने आगाह किया कि उनके पास दशकों में देश की सबसे खराब आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए कठोर नीतियों को अपनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जेवियर मिलई अर्थशास्त्री रह चुके हैं. उन्हें कट्टर दक्षिणपंथी नेता माना जाता है. मिलई को लोग 'अर्जेंटीना का ट्रंप' भी कहते हैं.
रविवार को दिए पहले भाषण में उन्होंने कहा, "देश की कमर दशकों की खराब आर्थिक नीतियों से टूट चुकी है. इसलिए आर्थिक संकटों से उबरने के लिए जरूरी है कि कड़वे फैसले लिए जाए, क्योंकि महंगाई 200 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है." उन्होंने कहा कि देश के पास पैसे ही नहीं हैं.
क्या हैं अर्जेंटीना की आर्थिक चुनौतियां?
देश के सामने भारी-भरकम चुनौती है. अर्जेंटीना का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जबकि वार्षिक मुद्रास्फीति 143 प्रतिशत है और लगातार बढ़ रही है. देश में कभी भी मंदी आ सकती है. देश के पास निवेश करने के लिए पूंजी ही नहीं है.
देश लंबे समय से आर्थिक सुस्ती झेल रहा है.सरकार ने नियमित घाटे को कम करने के लिए नोटों की छपाई कराई थी, लेकिन इस वजह से मुद्रास्फीति बढ़ गई और इस वजह से पेसो (अर्जेंटीना की करेंसी) भी कमजोर हुई है. हाल के साल में यह स्थिति और खराब हो गई है क्योंकि मुद्रा भंडार कम हो गए. इस साल की शुरुआत में सूखे ने मुख्य नकदी फसलों, सोया और मकई के कीमतों को प्रभावित किया है.
15 हजार प्रतिशत बढ़ सकती है महंगाई
जेवियर मिलई ने अपने भाषण में कहा कि अगर महंगाई पर काबू नहीं पाया गया तो यह सालाना 15000 हजार प्रतिशत पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि वह कसम खाते हैं महंगाई से लड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे.