India Lithium Exploration-Mining Project: अर्जेंटीना की सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली खनन कंपनी कैमयेन (Camyen) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के लिथियम समृद्ध कैटामार्का प्रांत के गवर्नर राउल जलील (Raúl Jalil) के इस साल भारत आने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राउल जलील की प्रस्तावित भारत यात्रा इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे लिथियम के एक विश्वसनीय स्रोत को सुनिश्चित करने की भारत की पहल को बढ़ावा मिलेगा.
इसी साल भारत ने किए हैं अर्जेंटीना के साथ समझौते पर हस्ताक्षर
लीथियम इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में एक महत्वपूर्ण तत्व है. भारत ने इसी साल 15 जनवरी को अर्जेंटीना में लिथियम की खोज और खनन परियोजना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. खान मंत्रालय के मुताबिक, इस समझौते से लिथियम सोर्सिंग के लिए भारत के प्रयासों को और ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा. खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) पांच लिथियम ब्लॉकों की खोज और विकास कार्य शुरू करेगा.
खान मंत्रालय के बयान में कहा गया था कि यह भारत की किसी सरकारी कंपनी की पहली लिथियम खोज और खनन परियोजना है. केएबीआईएल अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में स्थित लगभग 15 हजार 703 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों (कोर्टाडेरा-।, कोर्टाडेरा-VII, कोर्टाडेरा-VIII, काटेओ-2022-01810132 और कोर्टाडेरा-VI) में खोज और विकास कार्य शुरू करेगा.
बयान में कहा गया था कि केएबीआईएल कैटामार्का, अर्जेंटीना में एक शाखा कार्यालय स्थापित करने की भी तैयारी कर रहा है. इस परियोजना की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है.
भारत को लिथियम खोज में जल्दबाजी क्यों करनी चाहिए?
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की जिजिन माइनिंग ग्रुप (Zijin Mining Group) जैसी कई वैश्विक कंपनियों ने अर्जेंटीना के लिथियम बाजार में कदम रखा है. चीनी कंपनियों ने बोलीविया और चिली में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है. चीन ऑस्ट्रेलिया और लैटिन अमेरिका में विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से बड़ी मात्रा में लिथियम का आयात करता है और दुनिया की आधे से ज्यादा लिथियम शोधन क्षमता उसके पास है. उसने अफ्रीकी बाजारों में भी प्रवेश किया है.
खान मंत्रालय के मुताबिक, दुनिया के कुल लिथियम संसाधनों के आधे से भी अधिक की मौजूदगी के कारण अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया के साथ 'लिथियम ट्राइएंगल' का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा लिथियम स्रोत, तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार और चौथा सबसे बड़ा उत्पादन देश होने का भी गौरव प्राप्त है. बता दें कि भारत की परियोजना की सफलता से चीन को टक्कर मिलने की उम्मीद की जा रही है.
भारतीय कंपनियों के लिए अभी देर नहीं हुई- सुजाना पेराल्टा
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कैमयेन की अध्यक्ष सुजाना पेराल्टा ने कहा है कि भारतीय कंपनियों के लिए अभी देर नहीं हुई है, लेकिन अगर आप खोज के पांच वर्षों पर विचार करते हैं तो भारतीय कंपनियों को आगे बढ़ना शुरू कर देना चाहिए और लिथियम के विकास में भागीदारी को लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.
लिथियम का वैश्विक उत्पादन बढ़ने का अनुमान
मैकिन्से के अनुमान के मुताबिक, लिथियम का वैश्विक उत्पादन 2030 तक सालाना 20 फीसद बढ़कर 3 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है. इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बिक्री और ऊर्जा परिवर्तन की मांग से लिथियम की मांग में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है,जिससे अर्जेंटीना जैसे देशों को फायदा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, कर्नाटक और झारखंड में भी लिथियम भंडार की खोज देखी है.
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