अलवी को चार सितंबर को हुए चुनाव में पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति चुना गया था. अलवी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार ऐतजाज अहसन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के उम्मीदवार मौलाना फजल उर रहमान को त्रिकोणीय मुकाबले में मात दी थी. नेशनल असेंबली और सीनेट में पड़े कुल 430 मतों में से अलवी को 212 मत मिले थे जबकि रहमान को 131 और अहसन को 81 मत मिले थे. छह मत खारिज कर दिये गए थे.
जवाहर लाल नेहरू के दांत के डॉक्टर थे अल्वी के पिता
अलवी के पिता डॉक्टर हबीब उर्र रहमान इलाही अलवी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के दंत चिकित्सक हुआ करते थे. अलवी कराची के रहने वाले हैं लेकिन उनका परिवार विभाजन के वक्त भारत से पाकिस्तान गया था. पूर्व राष्ट्रपति हुसैन का परिवार आगरा से जबकि परवेश मुशर्रफ का परिवार नई दिल्ली से पाकिस्तान गया था.
जीत के बाद अपने पहले भाषण में अलवी ने प्रधानमंत्री खान को उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए नामांकित करने पर धन्यवाद दिया था. अलवी ने कहा था, आज से मैं सिर्फ पीटीआई के जरिए नामित राष्ट्रपति नहीं हूं, बल्कि मैं पूरे देश और सभी दलों का राष्ट्रपति हूं. सभी दल मेरे समक्ष समान हैं. उन्होंने कहा था, मेरा राजनीतिक संघर्ष अय्यूब खान के शासन काल, 1967 से चल रहा है. हालांकि, मेरा मानना है कि तब से अब तक देश में बहुत जागरूकता आयी है. राष्ट्रपति ने संविधान में किये गये वादों को दोहराया.
चीन और सऊदी के मंत्री भी हुए समारोह में शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, चीन के विदेश मंत्री वांग यि और सऊदी के सूचना मंत्री अव्वाद बिन सालेह अल अव्वाद के अलावा सैन्य और असैन्य प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. अलवी 2006 से 2013 तक पीटीआई के पार्टी के महासचिव रहे हैं.