Armenia Azerbaijan War: महीनों की शांति के बाद अब फिर आर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) की सरहद पर तनाव है. दोनों देशों के बीच सीमा पर फिर से संघर्ष हुआ है. गोलीबारी के बीच दोनों देशों के बीच तनाव पसर गया है. हालात ऐसे हो गये हैं कि अगर मामला और बढ़ा तो मिडिल ईस्ट के ये दोनों देश युद्ध की आग में कूद जाएंगे.  


आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच फिर से शुरू हुए इस सीमा संघर्ष से आर्मिनिया की सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई. आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने गोरिस, सोत, जेरमुक समेत कई सीमावर्ती इलाकों में अजरबैजान की तरफ से पहले गोलीबारी किए जाने का आरोप लगाया है. 


आर्मेनिया ने मांगी पुतिन से मदद
आर्मेनिया ने अपनी सुरक्षा परिषद में अजरबैजान की तरफ से की गई गोलीबारी की शिकायत रूस की अगुवाई वाले CSTO और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में करने की घोषणा की है. आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर पूरे मामले की विस्तार से जानकारी  देते हुए स्थिति पर नियंत्रण के लिए मदद मांगी है.


गोलीबारी पर क्या है अजरबैजान का पक्ष?
अजरबैजान ने आर्मेनिया पर आरोप लगाया है कि आर्मेनिया के सैनिक दस्तों ने 12 सितंबर की देर रात सीमा के दशकासन, कलबजार और लाचिन के इलाकों में बड़े पैमाने पर सैनिक कार्रवाई की है. अजरबैजान ने कहा कि अर्मेनियाई सशस्त्र बलों ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए उनकी सैन्य चौकियों और आपूर्ति लाइन की सड़कों के बीच के क्षेत्रों में विस्फोटक लगाया जिससे हालात को काबू में करने के लिए उन्होंने रक्षात्मक कदम उठाए इस दौरान दोनों देशों के बीच संघर्ष हो गया.


दोनो देशों की सीमाओं पर क्या हालात हैं?
दोनों देशों की सीमाओं पर हालात कुछ ठीक नहीं है. दशकासन, कलबजार और लाचिन के क्षेत्र में अज़रबैजान सेना के कुछ ठिकानों पर अर्मेनियाई सेना मोर्टार सहित विभिन्न प्रकार के हथियारों से गोलीबारी कर रही है तो वहीं अज़रबैजान की सेना इस कार्रवाई का लगातार जवाब दे रही है.


मित्र देशों ने की शांति की अपील?
दोनों देशों के बीच हुए इस सीमा संघर्ष को शांत करने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों ने आर्मेनिया के प्रधानमंत्री पाशिनयान से फोन पर बात की है. अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने आर्मीनिया-अज़रबैजान सीमा पर शुरू हुई गोलाबारी पर चिंता जताते हुए इलाके में सैन्य तनाव कम करने की अपील की है.


भारत ने भी की शांति की अपील?
आर्मीनिया-अज़रबैजान सीमा पर भड़की हिंसा के बाद सैन्य तनाव घटाने की अपील करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनो ही देशों को इस आक्रामक कार्रवाई से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का सैन्य टकराव किसी समस्या का हल नहीं है.


विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत (India) का मानना है कि द्विपक्षीय विवादों (Bilateral Issues) को कूटनीति और संवाद के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. किसी भी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान नहीं हो सकता है. हम दोनों पक्षों को स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते है. 


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