नई दिल्ली: चीन और तुर्की की शह पर पाकिस्तान अपनी नापाक चालों से बाज नही आ रहा है. अब पाकिस्तान ने अपनी स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप के रिटायर्ड कंमाडोज को अलबदर आतंकियों के साथ अजरबैजान की तरफ से युद्ध के मैदान में भेज दिया है. इस नापाक चाल का खुलासा आर्मीनिया द्वारा की गई फोन टैपिंग के दौरान सामने आया है.
पाकिस्तान अपनी नापाक चालों को केवल भारत के साथ ही नहीं चल रहा है बल्कि वो अब इन चालों को दूसरे देशों की आपसी लडाई के दौरान भी चलने लगा है. बिना यह सोचे कि अतंरराष्ट्रीय मंच पर इस नापाक चाल का खुलासा होने के बाद उस पर क्या फर्क पडेगा.
मामला अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच हो रही जंग का है. आर्मीनिया इंटेलीजेस ने जब अजरबैजान के कुछ संदिग्ध लोगों के फोन कॉल इंटरसेप्ट किए तो एक बडा खुलासा ये हुआ कि अजरबैजान की तरफ से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने अपने भाड़े के लोगों को भेजा हुआ है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक अपने आका चीन और तुर्की को खुश करने के लिए पाकिस्तान की तरफ से पांच सौ से ज्यादा लड़ाके अजरबैजान भेजे गए हैं और इनमें पाकिस्तान की स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप के रिटायर्ड कंमाडोज औऱ अलबदर के आंतकवादी शामिल हैं.
ध्यान रहे कि अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर लड़ाई के हालात बने हैं यह इलाका दोनों देशों के बीच कश्मीर की तरह है जिस पर दोनों देश अपना-अपना कब्जा बताते है और दावा करते है कि वहां की जनता उनके साथ आना चाहती है.
इस बात को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध भी शुरू हो गया है और ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी नापाक चाल का सहारा लेते हुए एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की है.
मसलन एक तरफ उसके आका चीन और तुर्की खुश होंगे और दूसरी तरफ अजरबैजान को भी खुला संदेश जाएगा कि हम तुम्हारे साथ हैं. ध्यान रहे कि आर्मीनिया ईसाई बाहुल्य क्षेत्र है जबकि अजरबैजान में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान इस मामले में इसलिए अपनी चालें चल रहा है कि तुर्की और चीन ने उसे आश्वासन दिया है कि वो उसके खिलाफ एफएटीएफ की कार्रवाई नही होने देंगे और किसी भी हालत में उसे ब्लैकलिस्ट नही करने देंगे लिहाजा खुद को बचाने के लिए पाक ने अपने नापाक मोहरे अजरबैजान भेज दिए है.
अपनी आंतकी कार्रवाईयों को लेकर पाकिस्तान एफएटीएफ के निशाने पर है और यदि उसने अपने आंतकियों को समर्थन देना जारी रखा तो एफएटीएफ उसके खिलाफ बडी कार्रवाई करने को कह चुका है. चाह कर भी अपनी सेना और आईएसआई के दवाब मे पाक के पंगु हुक्मरान इसको रोक नही सके हैं ऐसें मे एफएटीएफ की कार्रवाई तय मानी जा रही है लेकिन चीन और तुर्की इस मामले में अपनी टांग अड़ा कर उसे एक बार फिर बचा सकते हैं. लिहाजा पाकिस्तान अपने आकाओं को खुश करने के लिए अपने लडाकों को दो देशों के बीच चल रही लड़ाई में भेज रहा है.
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