Armenia-Turkey Crossing Opened First Time In 35 Years: विनाशकारी भूकंप के बाद राहत-बचाव के कार्य के बीच शनिवार (11 फरवरी) को आर्मेनिया (Armenia) और तुर्किए (Turkey) के बीच सीमा क्रॉसिंग खोल दी गई. बताया जा रहा है कि 35 वर्षों में ऐसा पहली बार है जब यह क्रॉसिंग खोली गई. भूकंप पीड़ितों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सीमा क्रॉसिंग खोलने का कदम उठाया गया. समाचार एजेंसी एएफपी ने एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी.


आर्मेनिया के साथ वार्ता स्थापित करने के लिए जिम्मेदार तुर्किए के विशेष दूत सेरदार किलिक ने ट्वीट कर जानकारी दी कि भोजन और पानी समेत सहायता के साथ पांच ट्रक अलीकन बॉर्डर क्रॉसिंग से तुर्किए पहुंचे. 


आखिरी बार 1988  में खोली गई थी क्रॉसिंग 


समाचार एजेंसी अनादोलु के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि आखिरी बार 1988  क्रॉसिंग खोली गई थी. तब आर्मेनिया में भूकंप आया था और करीब 30 हजार लोग मारे गए थे. उस समय तुर्किए ने आर्मेनिया को सहायता भेजी थी.


सेरदार किलिक ने अपने ट्वीट में आर्मेनिया और आर्मेनियाई नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष रुबेन रुबिनयन को धन्यवाद भी कहा. उन्होंने कहा कि मदद में दवा भी शामिल है. वहीं, रुबिनयन ने ट्वीट किया, ''मदद कर पाया, इसकी खुशी है.''


क्या है दोनों देशों के विवाद?


रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने कभी भी औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित नहीं किए हैं और 1990 के दशक से उनकी साझा सीमा बंद है. दोनों देशों के बीच तनाव का मूल कारण प्रथम विश्व युद्ध के दौर में ओटोमन साम्राज्य में हुईं लोगों की सामूहिक हत्याओं से जुड़ा है, जिसे आर्मेनिया नरसंहार कहता है. वहीं, तुर्किए नरसंहार की बात से इनकार करता है. उसका तर्क है कि जब आर्मेनियाई अपने तुर्क शासकों के खिलाफ उठे और हमलावर रूसियों का पक्ष लिया था तब 300,000 से 500,000 आर्मेनियाई और कम से कम उतने ही तुर्क नागरिक संघर्ष में मारे गए थे. 


संबंध सामान्य बनाना चाहते हैं तुर्किए-आर्मेनिया


दिसंबर 2021 में दोनों देशों ने संबंध सामान्य बनाने में मदद के लिए विशेष दूत नियुक्त किए थे. बताया जाता है कि विवादित नागोर्नो-काराबाख इलाके में नियंत्रण के लिए हुई जंग में, तुर्किए के सहयोगी अजरबैजान से आर्मेनिया हार गया था और उसके एक साल बाद दूतों की नियुक्तियां हुई थीं. फरवरी 2022 में दो वर्षों में तुर्किए और आर्मेनिया ने अपनी कॉमर्शियल फ्लाइट्स फिर से शुरू की थीं. वहीं, जमीनी सीमा दोनों देशों के बीच 1993 से बंद है, इस दौरान जॉर्जिया या ईरान के जरिये ट्रक सीमा पार करते रहे हैं.


बता दें कि सोमवार (6 फरवरी) को तुर्किए और सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाला भयंकर भूकंप आया था, जिसमें दोनों देशों करीब 25 हजार लोगों की जानें गई हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. संकट की इस घड़ी में भारत समेत 70 देशों ने भूकंप पीड़ितों के लिए मदद भेजी है.


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