पाकिस्तान में इमरान खान सरकार पर अल्पमत में जाने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ नदीम अंजुम पीएम इमरान खान के घर उनसे मिलने पहुंचे हैं. पाकिस्तानी सेना के दोनों बड़े अफसर ऐसे समय पर इमरान खान से मिलने पहुंचे हैं, जब सहयोगी MQM के सदस्य और कानून मंत्री फ़ारुग नसीम और आईटी मंत्री अमीन उल हक ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. यह इमरान खान सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.  


खान के खिलाफ 25 मार्च को विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पार्टी के 155 सदस्य हैं और उसे सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत है. 


दूसरी ओर खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री पाक चीफ जस्टिस को वह खत भी दिखाने को तैयार हैं.


हालांकि इमरान खान सरकार में सूचना एवं प्रसाद मंत्री फवाद चौधरी ने भी दावा किया कि इमरान खान आखिरी बॉल तक खेलने वाले खिलाड़ी हैं, इस्तीफा नहीं होगा. मैदान लगेगा , दोस्त भी देखेंगे और दुश्मन भी. वहीं पीएम इमरान खान का संबोधन टल गया है. पहले वह देश को संबोधित करने वाले थे.


विपक्ष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस


बुधवार को विपक्षी नेताओं शहबाज शरीफ , बिलावल भुट्टो और मरियम नवाज जरदारी ने प्रेस कांफ्रेंस की. शरीफ ने कहा, आज पाकिस्तान की तारीख में अहम दिन है.  MQM के नेताओं का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. हमारा मकसद पाकिस्तान की खुशहाली है. जब इमरान खान बहुमत खो चुके हैं तो वह इस्तीफा दें. जो नुकसान कराची को साजिश की वजह से हुआ, वह पूरा पाकिस्तान भुगत रहा है.


उन्होंने कहा, हम मिलकर कराची की तरक्की के लिए और पाकिस्तान की तरक्की के लिए कदम उठाएंगे. इमरान खान इस्तीफा दें. इनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. कल ही संसद का सत्र है, कल ही वोटिंग करते हैं. पाकिस्तान की तरक्की का सफर का आगाज हो सकता है.



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