Jammu Kashmir Article 370: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने सोमवार को फैसला दिया है. फैसले में शीर्ष अदालत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को संविधान सम्मत बताया है. पाकिस्तान मीडिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रमुखता से जगह दी है.
देश का प्रमुख अखबार द डॉन ने 'भारत की शीर्ष अदालत ने कश्मीर के लिए विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले को बरकरार रखा, चुनाव कराने के दिए आदेश' शीर्षक से खबर छापी है. अखबार लिखता है, "इस फैसले ने देश के बाकी हिस्सों के लोगों को कश्मीर में संपत्ति हासिल करने और स्थायी रूप से वहां बसने के अधिकार पर अंतिम मुहर लगा दी है."
'मुस्लिम आबादी होगी कमजोर'
द डॉन ने लिखा, "कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले को अंतरराष्ट्रीय संगठनों, कश्मीरियों और भारत की हिंदू राष्ट्रवादी नेतृत्व वाली सरकार के आलोचकों ने घाटी में मुस्लिम बहुल कश्मीरियों के साथ हिंदू निवासियों की बसावट को जनसांख्यिकी को कमजोर करने का प्रयास करार दिया था."
हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बहुत ज्यादा कवरेज नहीं है. लेकिन कई दूसरे विदेशी अखबारों ने अनुछेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कवरेज दी है.
'बिना राय-मशवरे के हटाया गया अनुच्छेद 370'
ब्रिटेन की अखबार 'द गार्जियन' ने लिखा, "आजादी के 70 साल के बाद कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था.नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर की जनता से बगैर किसी राय-मशवरे के इस कानून का निरस्त कर दिया था."
ब्रितानी अखबार ने लिखा, "निरस्तीकरण के बाद राज्य में बड़ी संख्या में फौजियों की तैनाती की गई और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया. इसके अलावा राज्य में 18 महीनों तक इंटरनेट सेवा ठप रही."
कतर की प्रतिष्ठित न्यूज चैनल अल-जजीरा ने लिखा, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने को संविधान के दायरे में लिया गया फैसला बताया. इसके अलावा कोर्ट ने सितंबर 2024 तक राज्य में चुनाव कराने के भी आदेश दिए हैं. अल-जजीरा लिखता है, "कश्मीर का इलाका भारत और पाकिस्तान के बीच 75 सालों से विवादित रहा है."
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