वेस्टर्न मिशिगन में इमरजेंसी मेडिसीन रेजिडेंट के तौर पर डॉक्टर डवे बुरकार्ड ने महीनों कोविड-19 के प्रभाव को बहुत करीब से देखा है. उन्होंने सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की मदद की है और कुछ मरीजों को अपने परिजनों से अलविदा कहते हुए देखा है. लेकिन तीन हफ्ता पहले उन्हें भी खुद में कोरोना संक्रमण के मिलते-जुलते लक्षण दिखाई देने लगे.
जब कोरोना योद्धा में दिखाई देने लगे लक्षण
बीमार पड़ने से पहले डॉक्टर सप्ताह में पांच दिन काम करते थे. उन्हें पहले से कोई बीमारी भी नहीं थी. लेकिन कोरोना वायरस ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया और पॉजिटिव पाए जाने के आठ दिन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. बुरकार्ड की बीमारी बुखार, खांसी और थकान के साथ शुरू हुई. तीसरे दिन उन्होंने थोड़ा बेहतर महसूस किया मगर दूसरे तीन दिनों के बाद मामला 'बिल्कुल विपरीत' साबित हुआ. सांस की भयानक तकलीफ और थकान से स्थिति खराब होती चली गई.
अस्पताल के उनके सहयोगियों ने उन्हें ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करने के लिए प्लस ऑक्सीमीटर दिया. प्लस रेट में अत्यधिक गिरावट के बाद उन्होंने अस्पताल में कदम रखा. अस्पताल में तीन दिन के इलाज के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल धीरे-धीरे ठीक होने लगा और घर जाने के योग्य हो सके. उन्होंने बताया कि तबसे अब तक 'धीमा सुधार' हो रहा है. उन्होंने कहा, "मैं अभी अपनी ऊर्जा बहाल करने की कोशिश कर रहा हूं. थोड़ी देर चलने पर अभी भी सांस लेना मुश्किल है लेकिन मैं एक बार फिर सामान्य होने को इच्छुक हूं."
बतौर डॉक्टर, मरीज के बताया निजी अनुभव
उन्होंने अपनी कहानी अमेरिकियों को बताने के लिए साझा किया है कि कोविड-19 'फर्जी' नहीं है. उन्होंने बतौर एक डॉक्टर और मरीज फेसबुक पर अपने निजी अनुभव के बारे में लिखा और चाहते हैं कि 'लोग समझें कि कितना ये गंभीर है'. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि पूरी तरह से समझना मुश्किल है जब आप रोजाना इसे नहीं देखते हैं. लेकिन लोग थोड़ी देर रुक कर हमारे जैसे कोरोना योद्धाओं की बात सुनें, तो हम यही कहेंगे कि ये खराब हो रहा है."
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