Afghanistan Crisis: ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अगबर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी जब अफगानिस्तान से भागे थे, तो वह अपने साथ 16.9 करोड़ डॉलर (12.67 अरब रुपये) ले गए थे. उन्होंने कहा कि गनी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अफगान राष्ट्र की संपत्ति को बहाल किया जाना चाहिए.
बुधवार को दुशांबे में अगबर ने गनी के भागने को राज्य और राष्ट्र के साथ विश्वासघात कहा और दावा किया कि उन्होंने अपने साथ 169 मिलियन डॉलर ले लिए थे. अगबर ने घोषणा की कि अशरफ गनी के पहले डिप्टी अमरुल्ला सालेह अब कानूनी रूप से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे.
" गनी का तालिबान के साथ पूर्व समझौता था"
अगबर ने यूरेशियानेट के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "अशरफ गनी ने अफगानिस्तान को तालिबान को सौंप दिया. हमारे पास 350,000 से अधिक सुसज्जित सैनिक, अनुभवी सैन्यकर्मी थे. वे तालिबान से नहीं लड़े थे. हमने इसे अफगानिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में ताजिकिस्तान की सीमा से अधिक देखा. यहां 20 से अधिक जिले हैं. वे बिना किसी प्रतिरोध के तालिबान के पास चले गए. मुझे लगता है कि गनी का तालिबान के साथ पूर्व समझौता था. उसके सिर में विश्वासघात की योजना पहले से ही थी. उसने अपने समर्थकों को छोड़ दिया और अफगानिस्तान के लोगों को धोखा दिया. मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार अपने देश के आतंकवादियों के साथ अफगानिस्तान में रहने और तालिबान के संरक्षण में काम करने जा रही है. अफगानिस्तान ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो पड़ोसी देशों के लिए खतरा हो."
UAE में हैं राष्ट्रपति अशरफ गनी
तालिबान के काबुल में कब्जा करने से पहले ही 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान से चले गए थे. अफगानिस्तान से भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पैसे लेकर देश से भागने के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर सफाई दी कि वो सिर्फ एक जोड़े कपड़े में अफगानिस्तान से निकले हैं. अशरफ गनी ने अफगानिस्तान से भागने के बाद UAE में पनाह ली है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी पुष्टि की है कि अरब राष्ट्र ने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का देश में स्वागत किया है. खबरें थीं कि गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान या उज्बेकिस्तान चले गए हैं, जबकि अन्य कुछ रिपोर्ट्स ने संकेत दिया था कि तालिबान द्वारा रविवार को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद, वह ओमान भाग गए हैं.
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