नई दिल्ली: पूरा विश्व कोरोना वायरस के कारण संकट का सामना कर रहा है. दुनिया में कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. वहीं कोरोना वायरस का नया प्रकार भी सामने आ चुका है और करीब 86 देशों में नए कोरोना वायरस के प्रकार से संक्रमित मरीजों की पुष्टि भी हो चुकी है. इस बीच फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने में छह से नौ महीने का समय लग सकता है, जो वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी होगी.


द गार्जियन ने एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अपडेटेड वैक्सीन का छह महीने का टर्नअराउंड पारंपरिक वैक्सीन विकास की समयसीमा को देखते हुए भारी सुधार का प्रतिनिधित्व करेगा. एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्यूटिकल्स आरएंडडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष सर मेने पंगलोस ने कहा है कि वेरिएंट पर काम आज शुरू नहीं हुआ है, यह हफ्तों और महीनों पहले शुरू हुआ था.


वैक्सीन के लिए लगातार काम


उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा है कि वह अगली पीढ़ी के नए वेरिएंट पर पूरी तरह से कारगर वैक्सीन के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इसके लिए उनका बसंत का मौसम लैब में ही गुजरने वाला है. मेने की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन शरद ऋतु तक जनता के लिए उपलब्ध हो सकती हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से विकसित कंपनी की वैक्सीन मूल वायरस और एक नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है, जो कि सबसे पहले ब्रिटेन के केंट इलाके में पाया गया था.


बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठाए गए हैं और ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि यह वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं दिख रही है. इस पर रिपोर्ट में कहा गया है कि एक छोटे पैमाने पर परीक्षण के बाद निकाले गए प्रारंभिक निष्कर्ष हो सकते हैं. मौजूदा प्रकार के खिलाफ भी वैक्सीन को प्रभावकारी बताया गया है. रिपोर्ट है कि वैक्सीन स्पष्ट रूप से हल्की और मध्यम बीमारी के लिए इस प्रकार के खिलाफ काम नहीं करती है. वहीं दक्षिण अफ्रीका में नया प्रकार काफी तेजी से फैल रहा है.


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