स्पेस में एस्ट्रोनॉट कर सकते हैं 16 बार नए साल का स्वागत, नासा ने बताई वजह?
New Year 2024: स्पेस स्टेशन एक दिन में पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करता है. इसके चलते एस्ट्रोनॉट स्पेस में 45 मिनट के दिन और 45 मिनट अंधेरे में रहते हैं.
New Year 2024: बस चंद घंटे के बाद साल 2023 खत्म हो जाएगा और दुनिया 2024 में दाखिल हो जाएगी. इस बीच अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) 2023 से 2024 तक बदलाव का सामना करने के लिए तैयार है. खास बात यह है कि एस्ट्रोनॉट कुल 16 बार नए साल का काउंटडाउन देख सकेंगे.
अंतरिक्ष स्टेशन की रैपिड वेलोसिटी और जमीन के चारों तरफ इसके ओर्बिट के कारण एस्ट्रोनॉट एक 24 घंटे के चक्र में सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों की लगभग 16 घटनाओं को देखते हैं. इस संबंध में नासा ने कहा है, "24 घंटों में स्पेस स्टेशन पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करता है और इस दौरान वह 16 सूर्योदय और सूर्यास्त से गुजरता है."
90 मिनट में पृथवी का चक्कर
लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के साथ आईएसएस हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाता है. यह ट्रेजेक्टरी एस्ट्रोनॉट को 16 बार नए साल का स्वागत करने का मौका प्रदान करता है, क्योंकि वे अपनी यात्रा के दौरान अलग-अलग समय अलग-अलग क्षेत्रों को पार करते हैं.
एक दिन में 16 बार पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं एस्ट्रोनॉट
आईएसएस एस्ट्रोनॉट हर रोज एक पृथ्वी दिवस में कई दिन-रात चक्रों का सामना करते हैं. पृथ्वी पर 12-घंटे रोशनी और 12-घंटे के अंधेरा रहता है, जबकि इसके विपरीत अंतरिक्ष यात्री 45 मिनट के दिन और उसके बाद 45 मिनट अंधेरे में रहते हैं. यह साइकिल दिन में 16 बार चलती है, जिसके चलते आईएसएए पर कुल 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त होते हैं.
आईएसएस पर दिन और रात के बीच बार-बार होने वाले बदलाव अंतरिक्ष यात्रियों को माइक्रोबायोलॉजी और धातु विज्ञान जैसे क्षेत्रों में प्रयोग करने का मौका मिलता है, जिससे ऐसी जानकारी मिलती है, जो धरती पर नहीं हो सकतीं. इसके अलावा आईएसएस से ब्रह्मांड के बारे में हमारे ज्ञान का विस्तार होता है.
नासा ने कहा कि एक सुसंगत कार्यक्रम के लिए ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) का पालन करने के बावजूद दिन और रात के बीच निरंतर दोलन सर्कैडियन लय को बनाए रखना चुनौतियां पैदा करता है.
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