‘मुझे सुनीता विलियम्स के घर लौटने की कोई चिंता नहीं थी’, आखिर किसने और क्यों कही ये बात?
Nasa Astronaut Return : नासा के एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून, 2024 को ISS के लिए 8 दिनों के लिए रवाना हुए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी यात्रा 9 महीने की हो गई.

Sunita Williams Return : नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने तक अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे रहने के बाद भारतीय समयानुसार बुधवार (19 मार्च) की सुबह 3:27 बजे धरती पर लौट आए. इन एस्ट्रोनॉट की वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल की जरिए कराई गई. एस्ट्रोनॉट्स के धरती पर सुरक्षित वापसी के बाद दुनिया का हर हिस्से से उन्हें बधाई और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं मिल रहीं हैं. लेकिन इस बीच एस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डीग्रैस टायसन ने कहा कि उन्हें सुनीता विलियम्स के घर लौटने की कोई चिंता नहीं थी.
एस्ट्रोफिजिसिस्ट ने आखिर क्यों दिया ऐसा बयान?
एस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डीग्रैस टायसन ने एनडीटीवी से कहा, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट हैं और उन्हें इस मिशन के लिए सेलेक्ट किया गया था. न सिर्फ इसलिए क्योंकि वे शारीरिक रूप से फिट हैं, बल्कि वे इमोशनली भी फिट है और जब आप इमोशनली फिट होते हैं, तो फिर अगर 8 दिन की यात्रा 9 महीने की यात्रा में भी बदल जाए, तो भी आपको इससे फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए मुझे कभी भी उनकी सुरक्षा या उनके सुरक्षित घर लौटने की कभी चिंता नहीं थी.”
उन्होंने कहा, “आपने इस 9 महीने की यात्रा के दौरान कभी पर घबराया हुआ या कोई इस तरह की प्रतिक्रिया देते हुए नहीं देखा होगा जिससे कि क्रू के सदस्यों की सुरक्षा किसी खतरे में पड़ जाए. इसलिए मैं कभी भी उनके लिए परेशान नहीं था और न हीं मेरे मन में उनके लिए सहानुभूति थी, भले ही बाकी सभी लोग उनके लेकर काफी ज्यादा परेशान थे.”
एस्ट्रोनॉट्स के स्वास्थ्य को लेकर क्या बोले डीग्रैस?
टायसन ने कहा, “सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की 8 दिनों की तय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा 9 महीने में बदल गई. ऐसे में उन्होंने एक लंबा समय अंतरिक्ष का गुरुत्वाकर्षण के बीच बिताया है. जिसके बाद अब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के साथ समन्वय बनाने में उन्हें थोड़ा समय जरूर लगेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं कभी अंतरिक्ष में नहीं गया, लेकिन मेरे कई दोस्त हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में काफी समय बिताया है और वे कहते हैं कि सामान्य तौर पर वह एक हफ्ते में ठीक हो जातै हैं.”
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