Iran Hijab Row: हिजाब (Hijab) को लेकर हो रहे विरोध (Protest) की आग में पूरा ईरान (Iran) झुलस रहा है. 22 साल की महसा अमिनी (Mahsa Amini) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद तो जैसे पूर हालात ही बदल गए हैं महसा की मौत के बाद से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में अब तक कम से कम 92 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स (Media Reports) में नॉर्वे के ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) एनजीओ का हवाला देते हुए ये आंकड़ा पेश किया है.
अबू धाबी के नेशनल न्यूज ने आईएचआर के निदेशक महमूद अमीरी मोघद्दाम के हवाले से बताया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दायित्व बनता है कि इस अपराध की जांच करे और इस्लामिक गणराज्य में आगे इस तरह के अपराधों पर रोक लगाई जाए. 16 सितंबर को महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब तीसरे हफ्ते में पहुंच गया है. नेशनल न्यूज के मुताबिक, शनिवार को देश के कुर्दिश इलाके में व्यापक रैली और हड़ताल हुई.
साल 2019 के बाद सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन
ईरान में कुर्दिस्तान की महसा अमिनी की मोरल पुलिस की हिरासत में मौत के बाद हो रहा विरोध प्रदर्शन साल 2019 के बाद का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है. इस विरोध प्रदर्शन में दर्जनों लोगों की मौत हुई है. इस विरोध प्रदर्शन में 83 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. अमिनी की मौत का विरोध सिर्फ ईरान में ही नहीं बल्कि लंदन, रोम, मैड्रिड और कई पश्चिमी देशों में देखने को मिला है.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प
दक्षिणपूर्वी ईरान में प्रदर्शनकारियों (Protestor) और पुलिस (Police) के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिलीं. वॉयस ऑफ अमेरिका (VOA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये झड़प उस समय हुई जब ईरान (Iran) में सुन्नी समुदाय के लोग मक्की मस्जिद (Mosque) में नमाज छोड़कर चले गए. नमाज पढ़ने आए लोगों ने पास के पुलिस स्टेशन (Police Station) में सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और पथराव किया. इसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की.
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